उत्तर प्रदेश के सातवें चरण के मतदान के ठीक 1 दिन पहले लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में एटीएस के ऑपरेशन ने सनसनी फैला दी है. एटीएस के इस ऑपरेशन में आईएस का एक आतंकी सैफुल्ला ढेर कर दिया गया. एक आतंकी को मारने में एटीएस को करीब 11 घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी. इस ऑपरेशन के तार मध्यप्रदेश के ट्रेन बम धमाके से जुड़े हैं. इसी संदर्भ में कानपुर और इटावा से भी गिरफ्तारियां हुई है.
पहले दो आतंकी होने की थी आशंका
शुरुआत में एटीएस ने इस बात की पुष्टि की थी कि घर के भीतर कथित तौर पर सैफुल्ला नाम का शख्स है जिसके तार मध्यप्रदेश में हुए ट्रेन ब्लास्ट से जुड़े हैं. हालांकि शाम होते-होते यह आशंका सामने आई कि आतंकी एक नहीं बल्कि दो हैं.
हालांकि अंत में एक ही आतंकी मिला और मारा गया.
खुफिया एजेंसी से मिली जानकारी
दोपहर करीब 3:30 बजे ऑपरेशन शुरू हुआ था. खुफिया एजेंसी से मिली जानकारी के मद्देनज़र एटीएस ने छापेमारी की थी. घर पहुंचने पर उन्होंने जब दरवाजा खटखटाया तो अंदर मौजूद शख्स ने दरवाजा बंद कर लिया और फायरिंग शुरू कर
दी. जिसके बाद एटीएस ने ठाकुरगंज कि हाजी कॉलोनी के इस घर की घेराबंदी कर दी.
आतंकी को जिंदा पकड़ने की कोशिश
दरअसल ऑपरेशन में करीब 11 घंटे लग गए. एटीएस ने आंसू गैस और मिर्ची पाउडर का किया इस्तेमाल. हर घंटे में लगभग एक या दो बार आंसू गैस के गोले छोड़े गये. शुरुआत में दूसरी तरफ से हुई फायरिंग उसके बाद घर में सन्नाटा पसर
गया. आधी रात तक लगभग 50 से अधिक फायरिंग हो चुकी थी.
बादशाह नाम के शख्स का घर
आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि यह घर बादशाह नाम के शख्स का है जो कि सऊदी अरब में रहता है. उस घर के रखवाले ने करीब दो महीने पहले यह घर किराए पर 4 लड़कों को दिया था. आसपास के पड़ोसी बताते हैं कि यह चारों युवा
रोज सुबह 6 बजे दौड़ लगाने के लिए निकलते थे. यही नहीं वह खुद को छात्र बताते थे और बताते थे कि वह इंटर की पढ़ाई कर रहे हैं.
इस्लामिक स्टेट के खुरासान मॉड्यूल से जुड़े तार
लखनऊ के हाजी कॉलोनी के घर में मारे गए आतंकी के तार इस्लामिक स्टेट के खुरासान लखनऊ-कानपुर मॉड्यूल से जुड़े हैं. कानपुर और इटावा में भी इसी संदर्भ में गिरफ्तारियां हुई है. सूत्रों के मुताबिक खुफिया सूत्रों के मुताबिक मध्य प्रदेश के शाजापुर में हुए ट्रेन में धमाके की घटना के पीछे इन का हाथ हो सकता है.