प्रयागराज में 10 जून को हुई हिंसा मामले के मास्टरमाइंड बताए जा रहे जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप के घर रविवार को बुलडोजर चला. अटाला इलाके में स्थित हिंसा के मुख्य आरोपी के घर को गिराया गया. 2 मंजिला इमारत को गिराने के लिए 3 जेसीबी की मदद ली गई. 5 घंटे तक चली कार्रवाई के बाद ध्वस्तीकरण का काम पूरा हुआ.
उत्तर प्रदेश सरकार की इस कार्रवाई का जमात ए इस्लामी की स्टूडेंट विंग ने विरोध किया है. कार्रवाई के विरोध में संगठन ने आज (13 जून) दोपहर 3 बजे दिल्ली में स्थित यूपी भवन के सामने प्रदर्शन का ऐलान किया है.
बता दें कि प्रयागराज में रविवार को कई घंटों की मशक्कत के बाद जावेद के घर को जमींदोज किया गया. प्रशासन को इस कार्रवाई में किसी तरह की दिक्कत ना हो, इसके लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. सबसे पहले जावेद के घर का मेन गेट बुलडोजर के निशाने पर था. इस दौरान ये भी ध्यान में रखा गया कि आसपास के घरों को कोई नुकसान ना पहुंचे.
इस कार्रवाई को प्रयागराज विकास प्राधिकरण (PDA) ने पूरा किया. ध्वस्तीकरण का मामला पहले से ही संज्ञान में था और कागजी कार्रवाई भी चल रही थी. जावेद पंप को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.
इस कार्रवाई पर PDA का कहना था कि उसकी ओर से 10 मई को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. जावेद पंप को 24 मई को सुनवाई के लिए पेश होना था, लेकिन ना ही वो पेश हुआ और ना ही उसने कोई जवाब दिया. PDA का कहना था कि जावेद पंप ने बिना अनुमति के ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर पर 250X60 फीट का निर्माण कराया है. जब जावेद की ओर से कोई जवाब नहीं आया तो अथॉरिटी ने 25 मई को ध्वस्तीकरण को लेकर आदेश दिया, जिसे घर के बाहर चस्पा किया गया था.
इसे लेकर सूचना दी गई थी कि 9 जून तक अतिक्रमण वाला हिस्सा ध्वस्त करके अथॉरिटी को सूचना दें. लेकिन जावेद पंप की ओर से न ही अतिक्रमण वाले हिस्से को ढहाया गया और न ही कोई सूचना दी गई.इसके बाद पीडीए की ओर से 10 जून को एक लेटर जारी किया गया जिसमें 12 जून को सुबह 11 बजे तक घर को खाली करने का आदेश दिया गया था. फिर रविवार दोपहर 12.45 बजे पुलिस और प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्था के बीच बुलडोजर एक्शन शुरू हुआ. प्रयागराज हिंसा में पुलिस ने पांच हजार अज्ञात और 95 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है.