राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने बुधवार को रामपुर जाकर आजम खान के परिवार से मुलाकात की. जयंत सबसे पहले आजम के विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम से मिले और फिर उनकी पत्नी तंजीम फातिमा से भी मुलाकात की. यह मुलाकात ऐसे समय हुई है जब आजम के समर्थक अखिलेश यादव से नाराज चल रहे हैं.
इतना ही नहीं आजम के समर्थन में सपा के कई मुस्लिम नेता पार्टी छोड़ चुके हैं. ऐसे में जयंत चौधरी का आजम परिवार से मुलाकात करना और आजम खान के साथ उनके पारिवारिक संबंध बताने के बाद सियासी पारा चढ़ने लगा है और उसके मायने भी निकाले जा रहे हैं.
रामपुर से विधायक और सपा के कद्दावर मुस्लिम चेहरा माने जाने वाले मोहम्मद आजम खान पिछले दो सालों से जेल में बंद हैं. आजम खान पर करीब 80 मुकदमे अभी भी चल रहे हैं. इन दो सालों सपा प्रमुख अखिलेश यादव महज एक बार आजम खान से मिलने जेल गए हैं, लेकिन उनकी रिहाई के लिए किसी तरह का कोई बड़ा आंदोलन नहीं खड़ा कर सके. अब इसी बात को लेकर आजम खेमे से अखिलेश यादव के खिलाफ बगावती सुर उठ रहे हैं तो असदुद्दीन ओवैसी लगातार आजम को अपनी पार्टी में शामिल होने का खुला ऑफर दे रहे हैं.
अखिलेश यादव को लेकर चल रही नाराजगी के बीच जयंत चौधरी ने आजम परिवार से मुलाकात कर सपा पर भारी दबाव बना दिया है. उन्होंने कहा कि काफी कुछ है जिसका आजम खां का परिवार सामना कर रहा है, मेरी जिम्मेदारी थी कि जब में रामपुर आया था तो उनसे मिलूं. मुलाकात के दौरान आजम परिजनों ने उम्मीद जताई है कि जल्द आजम खां को जमानत मिल जाएगी.
जयंत ने कहा कि परिजनों से जेल में आजम खां किस प्रकार समय गुजार रहे हैं इसको लेकर जानकारी ली. कहा कि वो जेल में बंद रहने के दौरान कोरोना की चपेट में भी आए और काफी मुश्किल समय काट रहे हैं. जयंत ने कहा कि आजम खान के परिवार से उनका बहुत पुराना रिश्ता है. उनके पिता चौधरी अजीत सिंह उनके बहुत अच्छे दोस्त थे. ऐसे में उनकी जिम्मेदारी थी कि वो आजम खान के परिजनों से मिलें.
बता दें कि जयंत चौधरी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ मिलकर यूपी विधानसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन कुछ खास नहीं कर सके. इसके बाद भी सपा के साथ आरएलडी का गठबंधन बना हुआ है, लेकिन जयंत इन दिनों जाट, मुस्लिम और दलित गठबंधन बनाने की कोशिश में जुटे हैं.
विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद से भी जयंत चौधरी ने दलित नेता और भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद के साथ दोस्ती बढ़ाते नजर आ रहे हैं. चंद्रशेखर के साथ जयंत ने राजस्थान का दौरा कर जितेंद्र मेघवाल को न्याय की मांग उठाई थी.
जयंत चौधरी और चंद्रशेखर आजाद के साथ लगातार देखे जा हैं. यूपी विधानसभा चुनाव में चंद्रशेखर और अखिलेश यादव में सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत नहीं बन सकी थी, जिसके चलते आजाद समाज पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ी. इसके चलते पश्चिमी यूपी में सपा-आरएलडी को जाट-मुस्लिम समुदाय के तो वोट मिले थे, लेकिन दलित वोट सपा गठबंधन के बीजेपी के साथ चला गया था. ऐसे में जयंत चौधर पश्चिमी यूपी में अपने सियासी समीकरण को दुरुस्त करने में लगे हैं, जिसके चलते वो चंद्रशेखर से लेकर आजम खान के साथ खड़े होकर बड़ा सियासी संदेश दे रहे हैं.
आजम खां खेमे से जिस तरह की अखिलेश यादव के खिलाफ नाराजगी उठ रही है, उसके चलते असदुद्दीन ओवैसी से लेकर जयंत चौधरी तक उन्हें साधने की कवायद में जुट गए हैं. आजम ने पहले जब सपा छोड़ी थी तब उन्होंने न पार्टी बनाई थी न ही किसी दल में गए, लेकिन इस बार बगावत की यह चिंगारी तमाम सपा नेताओं को उकसा रही है और अब मुद्दा सपा द्वारा आजम का साथ छोड़ने, मुस्लिमों की बात न करने तक पहुंच गई है.
बता दें कि विधानसभा के चुनाव में मुस्लिम वोटरों ने इस बार सपा को जिताने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी. मुस्लिम वोटरों की सपा के प्रति एकजुटता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि सूबे में किसी दूसरे दलों से उतरे कई कद्दावर मुस्लिम चेहरों को जीतना तो दूर अपने ही समाज के वोट तक के लिए तरस गए. सीएसडीएस के आंकड़ों को माने तो सूबे में 87 फीसदी मुस्लिम समाज ने सपा को वोट दिया है.
अखिलेश यादव के खिलाफ हुए कई नेता
विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद सपा के भीतर के कई फैसलों के बाद अब मुस्लिम नेताओं का एक तबका पार्टी पर खुले तौर पर मुसलमानों को हाशिए पर रखने का आरोप लगा रहा है, जो आजम खान समर्थक भी नाराज है. आजम खान के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां के शानू के कहा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सही कहा था कि अखिलेश नहीं चाहते कि आजम खान जेल से बाहर आएं. उन्होंने कहा कि आजम खान के इशारे पर न सिर्फ रामपुर में बल्कि कई जिलों में भी मुसलमानों ने सपा को वोट दिया, लेकिन सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मुसलमानों का पक्ष नहीं लिया.
सपा नेता ने कहा कि आजम खान दो साल से ज्यादा समय से जेल में हैं, लेकिन सपा अध्यक्ष केवल एक बार जेल में उनसे मिलने गए. यही नहीं, पार्टी में मुसलमानों को महत्व नहीं दिया जा रहा है. फसाहत ने कहा कि अब लगता है कि अखिलेश यादव को हमारे कपड़ों से बदबू आ रही है. आजम खान के मीडिया प्रभारी के बयान के बाद से रोजाना आजम खान के समर्थक कहीं न कहीं कोई प्रदर्शन कर रहे हैं, खून से खत लिख रहे हैं और बयान जारी कर रहे हैं. ऐसे में जयंत चौधरी के मिलने से सियासी पारा गर्मा गया है.