बदायूं में हुई रेप की शर्मनाक घटना को लेकर देशभर में आक्रोश है. ऐसे संवेदनशील समय में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी के बयान ने बहुत से नागरिकों को अचंभित कर दिया है. महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी बीते दिनों पीड़िता के घर पहुंचीं, वहां उन्होंने ऐसा बयान दिया कि देशभर के महिला संगठनों द्वारा विरोध किया जा रहा है. चंद्रमुखी देवी ने बयान दिया था कि महिलाओं को देर शाम तक घर के बाहर नहीं रहना चाहिए, उन्हें समय से घर वापस आ जाना चाहिए.
चंद्रमुखी ने बदायूं पीड़िता के बारे में इंगित करते हुए कहा था कि ''अगर पीड़िता घर के किसी पुरुष, या किसी बच्चे (male) के साथ जाती, तो शायद इस तरह की घटना उसके साथ न होती.''
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चंद्रमुखी देवी के इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए राष्ट्रीय महिला संगठनों ने एक संयुक्त बयान जारी किया है. जिसमें उन्होंने कहा, ''ये बेहद शर्मनाक बात है कि वह महिला आयोग जिसे कि महिला अधिकारों के लिए सार्वजनिक रूप से खड़ा होना चाहिए, अपराधियों को पकड़ने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए, वह योगी सरकार में महिलाओं के लिए भयानक असुरक्षा के माहौल को ढकने के लिए पीड़िता को ही घटना के लिए जिम्मेदार ठहराने में लगी हुई है.''
अपने संयुक्त बयान में इन महिला संगठनों ने कहा है, ''ये काफी चौंकाने वाली बात है कि एक ऐसी महिला जो ऐसे सामन्ती और पितृसत्तात्मक विचारों का प्रचार कर रही है, वह राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य है. हम महिला आयोग से इनके इस्तीफे की मांग करते हैं.''
जिन महिला संगठनों ने संयुक्त बयान जारी किया है, वे ये हैं-
अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संघ (AIDWA)
नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वीमेन (NFIW)
अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संघ (AIPWA)
प्रगतिशील महिला संगठन (PMS)
ऑल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन (AIMSS)
ऑल इंडिया अग्रगामी महिला समिति (AIAMS)