शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र सिंह की मौत मामले में उनका परिवार सीबीआई जांच की मांग लेकर धरने पर बैठा है. इस दौरान जगेंद्र की पत्नी की तबीयत बिगड़ गई है. उनके इलाज के लिए मौके पर कोई भी डॉक्टर नहीं है. एक फार्मासिस्ट के भरोसे इलाज हो रहा है. परिजनों का आरोप है कि राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा के गुर्गे और सपा नेता मिथिलेश कुमार उन पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे हैं.
सोमवार को यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि इस केस की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही किसी पर कार्यवाही होगी. उससे पहले किसी मंत्री को हटाया नहीं जाएगा. उन्होंने कहा, 'आप तो जानते हैं कि झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई जाती है. आरोप लगाए जाते हैं. जब तक जांच पूरी नहीं होगी, तब तक किसी भी मंत्री को नहीं हटाया जाएगा.'
बताते चलें कि जगेंद्र ने के छोटे बेटे राहुल ने कहा कि नेताओं की ओर से 10 लाख रुपये की पेशकश की गई. उनको केस वापस लेने के लिए धमकाया भी जा रहा है. सपा नेता मिथिलेश कुमार उनके घर आए थे. उन्होंने कहा, 'केस फाइल कर तुम मंत्री को गिरफ्तार नहीं करवा सकते, क्योंकि उन्हें तभी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जब पुलिस जांच में उन्हें दोषी पाया जाएगा. पुलिस किससे अधीन है, तुम जान ही रहे हो.'
'पुलिस चाहती तो थाने में जला देती'
शनिवार को मृत पत्रकार जगेंद्र के परिवार को सांत्वना देने मिथिलेश कुमार पहुंचे थे. उन्होंने संवेदना व्यक्त करने के साथ आरोपी मंत्री राममूर्ति वर्मा का बचाव भी करना शुरू कर दिया था. उन्होंने कहा कि मंत्री ऐसा काम नहीं कर सकते . यदि पुलिस चाहती, तो जगेंद्र को उनके घर की जगह पुलिस स्टेशन में ही जला सकती थी. उनका बयान सुनकर स्थानीय लोग नाराज हो गए और नारेबाजी करने लगे.