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समीक्षा बैठक के बाद बोले सिंधिया- यूपी में अकेले लड़ेंगे, प्रियंका पर पार्टी करेगी विचार

कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की लखनऊ में समीक्षा बैठक हुई. इस बैठक के बाद सिंधिया ने कहा कि आज की बैठक 6 घंटे 30 मिनट चली. जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने के लिए हमें तमाम प्रतिक्रियाएं मिलीं. नतीजे असंतुष्ट करने वाले थे. हम आगामी विधानसभा चुनाव पूरी ताकत से लड़ेंगे और दो हफ्तों में इसके लिए तैयारी शुरू कर देंगे. हम उपचुनावों के लिए उम्मीदवारों के नाम पर भी चर्चा करेंगे. हम अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे, लेकिन चुनाव तीन साल बाद होंगे. प्रियंका गांधी को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने के बारे में पार्टी विचार करेगी. हमारा उद्देश्य संगठन को मजबूत करना है.

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कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लखनऊ में समीक्षा बैठक की.
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लखनऊ में समीक्षा बैठक की.

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कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2019 के कांग्रेस के प्रदर्शन की समीक्षा की. इस संबंध में उन्होंने लखनऊ में कांग्रेस की मीटिंग की. बैठक के बाद सिंधिया ने कहा कि जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने के लिए तमाम प्रतिक्रियाएं मिलीं. वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को यूपी सीएम पद के लिए आगे करने को लेकर भी सिंधिया ने बयान दिया है.

करीब साढ़े 6 घंटे तक चली ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लखनऊ में समीक्षा बैठक के बाद कहा कि लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे असंतुष्ट करने वाली थीं. सिंधिया ने कहा कि उपचुनावों के लिए उम्मीदवारों के नाम पर भी चर्चा करेंगे और अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे. वहीं तीन साल बाद होने वाले चुनाव को लेकर भी उन्होंने कहा कि वो इसे अकेले लड़ेंगे. वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने को लेकर उन्होंने कहा कि इस बारे में पार्टी विचार करेगी. हमारा उद्देश्य संगठन को मजबूत करना है.

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बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभार सौंपा गया था. पश्चिमी यूपी में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और पार्टी कोई सीट नहीं जीत पाई. खास बात है कि कांग्रेस सिर्फ रायबरेली सीट जीत पाई. खुद पार्टी चीफ राहुल गांधी भी अमेठी लोकसभा सीट बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी के हाथों हार गए.

वहीं समीक्षा बैठक में कांग्रेस नेताओं का कहना था कि सपा-बसपा गठबंधन बनने के बाद जनता ने कांग्रेस को विकल्प के तौर पर देखना छोड़ दिया. कांग्रेस उम्मीदवार जनता को यह भरोसा दिलाने में नाकामयाब रहे कि वे जीतने के लिए मैदान में हैं. रही सही कसर प्रियंका गांधी के उस बयान ने पूरी कर दी, जिसमें उन्होंने कहा कि हम वोट कटवा हैं. इससे कार्यकर्ताओं और प्रत्याशियों का मनोबल और गिर गया. 

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