राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत जेल में बंद गोरखपुर के डॉ कफील खान से जुड़ी एक याचिका पर सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई में हुई. सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट से याची और सरकारी वकील ने हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई पर रासुका की मूल पत्रावली अदालत में पेश करने का आदेश दिया है. बता दें कि डॉक्टर कफील खान की मां नुजहत परवीन ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की है. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस एसडी सिंह की बेंच में हुई.
अब इस मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इलाहाबाद हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है. बता दें कि सीएए और एनआरसी के मुद्दों पर भड़काऊ बयान देने पर गोरखपुर के डॉक्टर कफील खान पर एनएसए लगाया गया है.
13 फरवरी को लगाया गया था एनएसए
जानकारी के मुताबिक डीएम अलीगढ़ ने 13 फरवरी 2020 को डॉक्टर कफील पर एनएसए लगाया था. जिसके बाद यह अवधि दो बार बढ़ाई जा चुकी है. बता दें कि 13 फरवरी को परामर्श दात्री समिति और अलीगढ़ डीएम की रिपोर्ट पर कफील खान को 6 महीने के लिए एनएसए के तहत बंद किया गया था, जिसे बढ़ाकर अब 9 महीने कर दिया गया है. यानी कफील खान 3 महीने तक और जेल में रहेंगे.
4 अगस्त को जारी आदेश में कहा गया कि यह निर्णय एनएसए सलाहकार बोर्ड द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर लिया जा रहा है, जिसका गठन सरकार द्वारा अधिनियम के तहत मामलों और अलीगढ़ के जिला मजिस्ट्रेट से निपटने के लिए किया गया है.