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यूपी: कैराना-नूरपुर उपचुनाव में BJP को सहानुभूति वोट की आस

इस उपचुनाव में एकजुट विपक्ष के सामने BJP की लड़ाई बेहद मुश्किल नजर आ रही है. हालांकि, पार्टी अपने संगठन और सहानुभूति वोट के भरोसे जीत के दावे कर रही है.

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मृगांका सिंह (फाइल)
मृगांका सिंह (फाइल)

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कैराना और नूरपुर उपचुनाव में एकजुट विपक्ष के सामने BJP को अपने सहानुभूति वोट की आस है. बीजेपी ने कैराना सीट से दिवंगत सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को टिकट दिया है. वहीं, नूरपुर से दिवंगत विधायक लोकेंद्र सिंह की पत्नी अवनी सिंह को टिकट दिया है. बुधवार को अवनी सिंह नूरपुर में अपना पर्चा दाखिल करेंगी, जबकि गुरुवार को कैराना में मृगांका सिंह अपना पर्चा दाखिल करेंगी.

कैराना में मृगांका सिंह का मुकाबला आरएलडी की तबस्सुम हसन से है. तबस्सुम अभी तक समाजवादी पार्टी में थीं, लेकिन गठबंधन की डील के तहत यह सीट आरएलडी को दी गई है. इसलिए समाजवादी पार्टी ने अपना उम्मीदवार आरएलडी को दिया है. विपक्ष को यहां जाट और मुसलमानों के वोट की आस है.  

इस उपचुनाव में एकजुट विपक्ष के सामने BJP की लड़ाई बेहद मुश्किल नजर आ रही है. हालांकि, पार्टी अपने संगठन और सहानुभूति वोट के भरोसे जीत के दावे कर रही है. बता दें, पहली बार सपा-बसपा और आरएलडी का गठजोड़ कैराना उपचुनाव में सामने आया है. वहीं, कांग्रेस बिना मांगे समर्थन देने को बाध्य है. ऐसे में 2019 के पहले कैराना उपचुनाव बीजेपी के लिए एक लिटमस टेस्ट जैसा है.

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बीजेपी ने संजीव बालियान को कैराना की जिम्मेदारी दी है. मुजफ्फरपुर दंगों से कैराना पलायन तक में बढ़-चढ़कर बयान देने वाले संजीव बालियान संगठन के लिहाज से चुनाव की कमान संभाले हुए हैं.

गौरतलब है कि मायावती ने गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव के बाद यह ऐलान कर दिया था कि वह किसी भी उपचुनाव में किसी भी पार्टी को समर्थन नहीं करेंगी. लेकिन अंदरखाने सपा और बसपा के बीच बने गठबंधन का असर दिखाई देने लगा है. यहां तीनों पार्टियां जमीन पर एकजुट होकर लड़ती दिखाई दे रही हैं.

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