कैराना मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने शामली के डीएम से पूरे मामले में जांच कर रिपोर्ट देने को कहा था जिसके बाद डीएम ने पूरे मामले की जांच कराने के बाद सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि क्योंकि कैराना मुख्यालय से 10 किलोमीटर की दूरी पर पानीपत खटीमा मार्ग पर हरियाणा के जनपद पानीपत और करनाल सीमा पर स्थित है इसलिए कैराना के निवासी कृषि पर आधारित होने के चलते पानीपत, करनाल और सोनीपत की सब्जी मंडियों में सब्जी बेचने जाते हैं.
मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए पलायन
इसके साथ ही रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि कैराना में चिकित्सीय सेवाएं बहुत अच्छी नहीं हैं इसलिए वहां के निवासी हरियाणा के जनपदों में अच्छी उपचार सुविधा के लिए जाते रहते हैं. साथ ही शामली और कैराना में उच्च शिक्षा की व्यवस्था नहीं है, लिहाजा वहां के लोग हरियाणा के सोनीपत, पानीपत, करनाल, चंडीगढ़, गौतमबुद्ध नगर और दिल्ली जाते हैं.
व्यापारियों को दूसरे राज्यों में फायदा
साथ ही वहां रहने वाले व्यापारी अपने व्यापार कि वृधि के लिए हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, सूरत व अन्य प्रदेशो में जाते हैं और वहां अपने व्यापार में लगातार हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए वहीं बस जाते हैं लेकिन इसे पलायन कहना गलत है.
खत्म हो चुका है मुकीम गैंग
इसके साथ ही जिस मुकीम गैंग के आतंक की बात की गई थी, जांच रिपोर्ट के मुताबिक इस गैंग के 29 सदस्य थे जिनमें से 25 पूर्वांचल की जेलों में बंद हैं जबकि बाकी 4 मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं. ये गैंग पानीपत, करनाल, सोनीपत, यूपी के सहारनपुर तक सीमित रहा है. कैराना से इस गैंग का कोई लेना देना नहीं है इसलिए इस गैंग के आतंक से लोगों के पलायन की बात को गलत बताया गया है.
15 साल पहले गए कई परिवार
सांसद हुकुम सिंह द्वारा 346 परिवारों के पलायन के बारे में इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें से 119 परिवारों का सत्यापन कराया गया है जिनमें से 68 परिवार करीब 10-15 साल पहले अपने कई कारणों से पानीपत, करनाल, सोनीपत और दिल्ली जा चुके हैं. 13 परिवार अब भी मौजूद हैं. साथ ही बाकी लोगों का सत्यापन भी कराया जा रहा है.