उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (kalyan singh) का शनिवार रात निधन हो गया. 89 वर्ष की उम्र में कल्याण सिंह ने तो दुनिया छोड़ दी लेकिन राजनीति में उनके नाम को हमेशा याद रखा जाएगा. कल्याण सिंह के बाद उनका परिवार भी रानजीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहा है. कल्याण सिंह बीजेपी के उन चुनिंदा नेताओं में शामिल हैं जिनके परिवार के लोग राजनीतिक में सक्रिय हैं. दो बार सीएम और आठ बार विधायक रहे कल्याण सिंह का परिवार भी अब सक्रिय राजनीति में आ चुका है.
कल्याण सिंह ने साल 1952 में रामवती देवी से शादी की थी. उस शादी से कल्याण सिंह को दो संतानें हुई थीं- एक बेटा और एक बेटी. बेटे का नाम राजवीर सिंह रखा गया और बेटी का नाम प्रभा वर्मा. अब पिता की राजनीतिक विरासत को सबसे पहले आगे बढ़ाने का काम राजवीर सिंह ने किया, जिन्होंने खुद भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की और बाद में यूपी के एटा से सांसद भी बने. अपने इलाके में राजवीर ने भी अब जबरदस्त लोकप्रियता हासिल कर ली है. उन्हें हर कोई राजू भैया कहकर संबोधित करता है. उनकी पत्नी और कल्याण सिंह की बहू प्रेम लता देवी ने भी 2012 के यूपी चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रखी है. उन्होंने जन क्रांति पार्टी की टिकट पर अतरौली सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा.
कल्याण सिंह के पोते बन गए हैं मंत्री
अब प्रेम लता देवी की हार कल्याण सिंह के लिए भी बड़ा झटका थी. लेकिन पांच साल बाद उनके पोते ने उस सीट को फिर उनकी झोली में डाल दिया. राजवीर सिंह के बड़े बेटे संदीप सिंह ने भी राजनीति में कदम रखा और बीजेपी की टिकट से चुनाव जीत लिया. बाद में संदीप सिंह को यूपी सरकार में शिक्षा राज्यमंत्री बना दिया गया. वे अभी भी इस पद पर बने हुए हैं.
संदीप के अलावा राजवीर की दो बेटी और एक बेटा भी है. उसमें भी उनकी बेटी पूर्णिमा सिंह की तो बीजेपी नेता श्यौराज सिंह के बेटे प्रवीण राज सिंह से शादी हुई है. ऐसे में कल्याण सिंह का पूरा परिवार राजनीति से मजबूती से जुड़ा हुआ है.
बता दें कि कल्याण सिंह का शनिवार शाम लंबी बीमारी के बाद लखनऊ स्थित संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में निधन हो गया. वह 89 वर्ष के थे. दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल भी रहे.