कभी भाजपा के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने सोमवार को अपनी पार्टी जनक्रांति पार्टी (राष्ट्रवादी) का भाजपा में विधिवत विलय कर दिया. मगर तकनीकी कारणों से वे स्वयं पार्टी में शामिल नहीं हुए.
राजधानी में गोमती किनारे स्थित झूलेलाल मैदान में बीजेपी की तरफ से आयोजित ’अटल शंखनाद’ रैली में जनक्रांति पार्टी (राष्ट्रवादी) के भाजपा में विलय की घोषणा कल्याण के पुत्र एवं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया ने की.
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी सहित प्रदेश के सभी राष्ट्रीय एवं वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में जनक्रांति पार्टी के विलय को औपचारिक मान्यता दी.
एटा लोकसभा सीट से निर्दलीय सांसद कल्याण सिंह ने कहा कि तकनीकी कारणों से वे आज भाजपा में शामिल नहीं हो रहे है. ऐसा करने पर उन्हें लोकसभा से इस्तीफा देना पड़ेगा और उपचुनाव की स्थिति पैदा हो जायेगी तथा अब जब लोकसभा के आम चुनाव में साल भर से कुछ ही अधिक समय बचा है, साल भर में दो चुनाव उचित नहीं होगा.
कल्याण सिंह ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्कार को उनके खून में शामिल बताया और यह कहते हुए भावुक होकर रो पड़े कि मेरी इच्छा थी, ‘मेरी अर्थी बीजेपी के झंडे में लिपट कर जाये.’
रैली को संबोधित करते हुए कल्याण ने कहा, ’मेरे जीवन का शेष काल अब आपके बीच बीतेगा और मेरी अर्थी के झंडे मे लिपट कर जायेगी.’
कल्याण ने कहा, ’मैं कुछ ही दिनों में लोकसभा से इस्तीफा देकर विधिवत बीजेपी में शामिल हो जाउंगा और पार्टी का झंडा लेकर गांव-गांव जाउंगा तथा सप्ताह में कम से कम एक रात किसी गांव की चौपाल में गुजारुंगा.’
कल्याण ने भ्रष्टाचार, अराजकता, महंगाई, बेरोजगारी तथा मुस्लिम तुष्टिकरण को पांच ‘राक्षस’ बताते हुए कहा कि हमें इनके विरुद्ध देश और प्रदेश की जनता को एकजुट करके लड़ना होगा.
उन्होंने यह भी कहा, ‘हम मुसलमानों के विरुद्ध नहीं है. हमारी नीति है न्याय सबको, मगर वोट के लिए तुष्टिकरण किसी का नहीं.’
कल्याण ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दसवीं पास करने पर मुस्लिम लड़कियों को 30 हजार रुपये दिये जाने की योजना का उल्लेख करते हुए कहा, ‘मुस्लिम कन्या को मिले, इसका विरोध नहीं. मगर हिन्दू कन्या का अपराध क्या है.’
उन्होंने केन्द्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा द्वारा आतंकी प्रशिक्षण शिविर चलाने के बयान की कडी निंदा करते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को केन्द्रीय गृहमंत्री के बयान के लिए हिन्दू समाज से माफी मांगनी चाहिए.’