यूपी के कानपुर में शनिवार रात भीतरगांव मार्ग पर पानी से भरे तालाब में ट्रैक्टर ट्रॉली पलटने से कोरथा गांव के 26 लोगों की मौत हो गई. इनमें 12 महिलाएं, 9 बच्चे और 5 किशोर शामिल हैं. गांव वालों का कहना है कि वे चंद्रिका देवी के पास लगे मेले से लौट रहे थे, बच्चे खिलौने खरीद कर लाए थे. जिस तालाब में ट्रॉली गिरी, हादसे के बाद उसमें खिलौने भी तैरते नजर आ रहे थे.
हादसे में घायल हुए लोगों को कानपुर के हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हैलेट अस्पताल के डॉ. संजय का कहना है कि घायलों का बेहतर ढंग से इलाज किया जा रहा है. घायल ग्रामीणों ने बताया कि मदद के लिए आधे घंटे बाद लोगों का आना शुरू हुआ. आसपास के लोगों के हाथ पकड़कर बाहर निकाला. चालक शराब के नशे में था और ट्रैक्टर काफी तेज चला रहा था.
वहीं सीएचसी पर तैनात चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश कुमार बीती रात नाइट ड्यूटी पर थे. उन्होंने बताया कि कल रात कई घायल एक साथ आए. उस वक्त मैं ड्यूटी पर था. उनमें से कई लोग दम तोड़ चुके थे.
डॉ. राजेश ने कहा कि हादसे की सूचना मिलते ही एंबुलेंस भी भिजवा दी गई थी. जो घायल थे, उन्हें भर्ती कर लिया गया, कुछ की हालत गंभीर होने पर रेफर कर दिया गया.
गांव वालों के मुताबिक, बच्चे के मुंडन के कार्यक्रम के बाद ट्रॉली एक ढाबे पर रुकी थी, जहां सभी ने चाय पी. इसके बाद चालक ने ट्रैक्टर को शराब ठेके पर रोक दिया, जहां चालक सहित अन्य लोगों ने शराब पी. महिलाओं ने शराब पीने से मना किया, इसके बावजूद किसी ने नहीं सुनी.
वहीं इस घटना के बाद राहत कार्य करने वाले प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि जब वह मदद के लिए तालाब में उतरे तो उनके पैर के नीचे भी कई शव आ गए. इसके बाद वह खुद भी सुन्न पड़ गए. लोगों का कहना है कि भीतरगांव मार्ग सिंगल रोड है और बारिश की वजह से रोड के किनारे मिट्टी वाले हिस्से में गड्ढे भी थे, जिसमें टायर जाने की वजह से ट्रैक्टर कंट्रोल नहीं हो सका.
गांव के हर दूसरे घर में मातम, बाहर रखे थे शव
गांव में रमेश निषाद के घर पर मातम छाया हुआ है. उनके घर के 7 और 9 साल के दो बच्चों को खो दिया. हादसे में उनकी बहू की भी मौत हो गई. वहीं सियाराम ने अपने परिवार के 6 लोगों को खो दिया. उन्होंने कहा कि ड्राइवर शराब पिए था. वहीं गड्ढे भी खतरनाक थे.
सियाराम ने कहा कि अब कोई मदद परिवार वालों को वापस नहीं ला पाएगी. गांव के लोगों ने कहा कि अगर समय पर मदद मिल गई होती तो कई जिंदगियां बच सकती थीं. लोगों का आरोप है कि एंबुलेंस और प्रशासन से मदद समय पर नहीं मिल पाई. इस वजह से कई शवों को बाइक पर रखकर अस्पताल ले जाया गया, जहां पर पुलिस और अस्पताल के कर्मचारियों ने मामले को रफा दफा करने की कोशिश की.
कानपुर के जिलाधिकारी का कहना है कि हादसे में कुल 26 लोगों की मृत्यु हुई है. CHC में 11 डॉक्टरों की टीम बुलाकर रात में ही पोस्टमार्टम करवा दिया गया था, सुबह शव परिजन को सौंप दिए गए थे. अभी अंत्येष्टि का कार्यक्रम चल रहा है. गांव से भी सारे शव लगभग निकाले जा चुके हैं.
ड्राइवर के नशे में होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जितने भी बिंदु हैं, उन पर जांच की जाएगी. गांव वालों द्वारा बाइक पर शवों को ले जाने के संबध में अलग जांच होगी. चालक के फरार होने को लेकर जांच चल रही है.