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गंगा किनारे बसे 30 गांवों पर बाढ़ का खतरा

बारिश के कारण गंगा नदी के पानी का बढ़ता जल स्तर देखकर कानपुर जिला प्रशासन सतर्क हो गया है. शहर में बाढ की स्थिति आने पर गंगा नदी के किनारे बसे 30 गांवों में बाढ़ से बचाव और राहत के बंदोबस्त शुरू कर दिए हैं.

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बारिश के कारण गंगा नदी के पानी का बढ़ता जल स्तर देखकर कानपुर जिला प्रशासन सतर्क हो गया है. शहर में बाढ की स्थिति आने पर गंगा नदी के किनारे बसे 30 गांवों में बाढ़ से बचाव और राहत के बंदोबस्त शुरू कर दिए हैं.

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अधिकारियों के अनुसार गंगा नदी का स्तर वर्तमान में कानपुर में 111. 12 पहुंच गया है. गंगा नदी का चेतावनी बिंदु 113 मीटर और खतरे का बिंदु 114 मीटर है.

कानपुर मंडल के कमिश्नर महेश गुप्ता ने सभी प्रशासनिक अधिकारियों को बाढ़ से बचाव और राहत के निर्देश दिए हैं. हर साल कानपुर में गंगा का जल स्तर बढ़ने पर गंगा नदी के किनारे बसे कटरी के तीस गांव बाढ़ की चपेट में आ जाते है और इन गांवों में रहने वालों को स्कूलों में बने राहत शिविरों में ठहराया जाता है.

उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया है कि गंगा के किनारे 10 बाढ़ चौकियां बनाई जाएं और कम से कम 100 नावों की व्यवस्था की जाए, ताकि बाढ़ की स्थिति में कटरी किनारे बसे गांवों में बसे लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके.

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अधिकारियों ने बताया कि नरौना बांध से गुरुवार को करीब 12 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे गंगा का जल स्तर अचानक बढ़ गया है. अगर अब और पानी छोड़ा गया तो गंगा खतरे के निशान से उपर जा सकती है और फिर गंगा की कटरी के किनारे बने तीस गांवों में बाढ़ का असर दिख सकता है.

जिलाधिकारी समीर वर्मा ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह बाढ़ से निपटने की पूरी तैयारी रखे और तैयारी की एक बुकलेट तैयार रखें और अधिकारियों को हाई एलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है.

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