कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की गोरखपुर पुलिस द्वारा पिटाई से मौत के मामले में नया खुलासा हुआ है. मृतक के भाई ने बताया कि मनीष चार महीने पहले भाजपा में शामिल हुए थे. वे अक्सर कानपुर में आयोजित भाजपा के कार्यक्रमों में हिस्सा भी लेते थे.
मोहित ने आजतक से बातचीत में कहा, मनीष गुप्ता ने एमबीए किया था. वे एक प्राइवेट बैंक में मैनेजर के पद पर काम करते थे. मनीष ने 5 साल पहले मीनाक्षी से शादी की थी. दोनों शादी के बाद नोएडा शिफ्ट हो गए थे. जहां वे नौकरी करते थे. दोनों का चार साल का एक बच्चा भी है.
लॉकडाउन में वापस आए थे कानपुर
मोहित ने बताया कि कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन के बाद मनीष कानपुर आ गए. मीनाक्षी भी कानपुर से हैं. लॉकडाउन के बाद मनीष भाजपा में शामिल हुए थे.
क्या है गोरखपुर कांड?
कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की गोरखपुर पुलिस द्वारा पिटाई से मौत का मामला सामने आया है. आरोप है कि मनीष गोरखपुर में रुके थे. इस दौरान पुलिस उनके कमरे की चेकिंग करने पहुंची थी. चेकिंग के दौरान ही पुलिसकर्मियों ने मनीष की पिटाई की थी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. इस मामले में गोरखपुर पुलिस के 6 अफसरों को सस्पेंड किया जा चुका है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मनीष के शरीर पर गहरे चोट के निशान मिले हैं.