scorecardresearch
 

कानपुर में हिंसा कैसे हुई? जानिए दोनों पक्षों का क्या है कहना, पुलिस ने बताया पूरा घटनाक्रम

बवाल की शुरुआत यतीमखाना इलाके की मुख्य सड़क और बाजार से हुई. धर्म के नाम पर सामने आए दो गुटों के बीच पहले बहस हुई. इसके बाद टकराव हुआ और फिर पथराव होने लगे. जब तक पुलिस मौके पर पहुंची तब तक सड़क पर हर तरफ पत्थर बिखरे पड़े थे, बाजार बंद हो चुके थे, कई गाड़ियां तोड़फोड़ी जा चुकी थीं. 

Advertisement
X
Kanpur clashes
Kanpur clashes
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अब तक 35 दंगाइयों को पकड़ा गया है
  • आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट लगाने की तैयारी है
  • आरोपियों के घरों पर बुलडोजर भी चलेगा

कानपुर में 3 जून को हुई हिंसा के बाद से माहौल तनावपूर्ण है. बेकनगंज इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस को तैनात किया गया है. शहर में आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी मौजूद हैं. ऐसे में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड में हैं. वहीं, हिंसा को लेकर दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें दी हैं. वहीं, तीन एफआईआर में 40 लोगों पर नामजद और 350 से अधिक अज्ञात पर केस दर्ज हुआ है. पुलिस मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी की तलाश में है.  

Advertisement

कहां से शुरू हुआ बवाल?

बवाल की शुरुआत यतीमखाना इलाके की मुख्य सड़क और बाजार से हुई. धर्म के नाम पर सामने आए दो गुटों के बीच पहले बहस हुई. इसके बाद टकराव हुआ और फिर पथराव होने लगे. जब तक पुलिस मौके पर पहुंची तब तक सड़क पर हर तरफ पत्थर बिखरे पड़े थे, बाजार बंद हो चुके थे, कई गाड़ियां तोड़फोड़ी जा चुकी थीं. 

पुलिस ने दंगाइयों को खदेड़ना शुरू किया तो ये लोग अंदर की बस्ती और तंग गलियों में जा घुसे और वहीं से पुलिस को ही निशाना बनाना शुरू कर दिया, जिसमें कई पुलिसवाले जख्मी हो गए. पथराव काफी देर तक जारी रहा. आसपास के थानों से भी पुलिस बुलानी पड़ी. इस दौरान दंगाइयों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस आंसू गैस छोड़ने पड़े. देर रात हालात पर पुलिस ने काबू पा लिया. इसके बाद कमिश्नर डीएम और पुलिस कमिश्नर ने पूरी फोर्स, पीएसी और आरएएफ के साथ हिंसा प्रभावित इलाको में फ्लैग मार्च किया. 

Advertisement

शांति से जुलूस निकाल रहे थे: मुस्लिम पक्ष

मुस्लिम पक्ष ने कहा कि हम लोग शांति से जुलूस निकाल रहे थे. इसमें बच्चे भी शामिल थे. अचानक से पत्थरबाजी शुरू हुई. छोटे-छोटे बच्चे थे जिन पर ये पत्थरबाजी शुरू कर दी गई. दुकानें हमने सबको बंद करने के लिए नहीं कहा, जिसकी मर्जी है वो बंद करे, जिसकी नहीं है वो ना करे. ऐसे में पत्थरबाजी जुलूस के ऊपर लोगों ने शुरू कर दी. बच्चों का क्या दोष था, जो जुलूस निकाल रहे थे?

दूसरे पक्ष के लोग दुकान बंद करा रहे थे: हिंदू पक्ष

हिंदू पक्ष के लोगों की मानें तो हाता एक ऐसा एरिया है और परेड चौक जहां पर हिंदू पक्ष के लोग ज्यादा रहते हैं. कल कुछ लोग जुलूस निकाल रहे थे और जबरदस्ती हमारी दुकानें बंद करवा रहे थे. हमने कहा कि हमारी दुकानें बंद नहीं होंगी तो इस पर वह ईंट-पत्थर चलाने लगे. अगर पुलिस समय पर नहीं आती तो यह पूरा एरिया उनके कब्जे में हो जाता. 

अब तक 35 दंगाइयों को पकड़ा गया

एडीजी यूपी प्रशांत कुमार अब तक 35 दंगाइयों को पकड़ा गया है, आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट लगाने की तैयारी है. आरोपियों के घरों पर बुलडोजर भी चलेगा. इस मामले में मौलाना मुहम्मद जौहर अली फैन्स एसोसिएशन के हयात जफर हाशमी साथ एहतशाम कबाड़ी, जीशान, आकिब, निजाम, अज़ीज़ुर, आमिर जावेद और इमरान काले समेत 40 लोगों पर नामजद FIR हुआ है.

Advertisement

बलवा करने और लोगों को भड़काने के मामले में हयात जफर हाशमी का नाम मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर बताया जा रहा है. CAA NRC कानून के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन में भी जफर हाशमी का नाम आया था. 

बीजेपी प्रवक्ता ने की थी टिप्पणी 

बता दें कि हाल ही में एक न्यूज चैनल पर डिबेट के दौरान बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने कथित तौर पर पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी कर दी थी, जिसको लेकर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग नाराज थे. इसके विरोध में मुस्लिम पक्ष ने जुलूस निकाला था. इस दौरान हिंसा भड़क गई.   

Advertisement
Advertisement