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BRD के बाद कानपुर के अस्पताल में लापरवाही, AC खराब होने से 4 मरीजों की मौत

हालत ये ही कि आईसीयू में भर्ती मरीज अब घर से पंखा लाकर इलाज करवा रहे हैं. आईसीयू में तैनात नर्सों का कहना है कि कई दिनों से ही एसी खराब है, हमने लिखित शिकायत दी है लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है.

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खुद घर से पंखा ला रहे हैं लोग
खुद घर से पंखा ला रहे हैं लोग

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कानपुर के सबसे बड़े अस्पताल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां आईसीयू वार्ड का एसी खराब होने से 4 मरीजों की मौत हो गई. कानपुर के हैलट अस्पताल में 24 घंटे में चार लोगों की मौत हो गई. जिसके बाद अफरा-तफरी मच गई, देर रात एडीएम खुद जांच करने अस्पताल पहुंचे.

हालांकि, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का दावा है कि आईसीयू में मरने वाले लोग पहले से ही सीरियस थे. चार लोगों की मौत के बाद प्रशासन हरकत में आया जिसके बाद डीएम कानपुर ने आनन-फानन में आईसीयू में दो पावर एसी लगवाए. 

हालत ये ही कि आईसीयू में भर्ती मरीज अब घर से पंखा लाकर इलाज करवा रहे हैं. आईसीयू में तैनात नर्सों का कहना है कि कई दिनों से ही एसी खराब है, हमने लिखित शिकायत दी है लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है.

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बताया जा रहा है कि पिछले 5 दिन से एसी काम नहीं कर रहा है लेकिन प्रशासन की नींद भी तब खुली जब एसी न चलने से 24 घंटों में 4 मरीजों की मौत हो गई. हैरानी तो ये है कि डॉक्टरों को इस बारे में कुछ पता ही नहीं है.

जांच कमेटी गठित

मामले में जिलाधिकारी ने चार सदस्यीय जांच कमेटी बनाने का आदेश दिया है. कमेटी देखेगी कि आखिर इस मामले में किसकी लापरवाही थी. जिलाधिकारी की माने तो जीवन रक्षक यंत्र ठीक काम कर रहे थे. आईसीयू का एसी सिस्टम खराब था जिसे दुरुस्त होने तक टावर एसी का इंतजाम था. जो दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी.

मेडिकल कालेज के प्राचार्य नवनीत कुमार का कहना है आईसीयू के सभी वेंटिलेटर सामान्य रूप से काम कर रहे हैं. हमारे दो आईसीयू हैं केवल इसमें कुछ आईसीयू की समस्या आई थी लेकिन जिन मरीजों की मौत हुई है वह पहले से सीरियस थे. उन्होंने कहा कि हमारे आईसीयू में मरीजों के मौत का एवरेज रूटीन है, हम ऐसी व्यवस्था कर रहे है की दुबारा ऐसी स्थिति न आए.

मीडिया के पूछने पर बड़े ताव से बताते हैं कि उन्हें तो आज ही एसी खराब होने का पता चला. मरीजों की मौत से हड़कंप के बाद देर रात एडीएम ने खुद यहां भागे-भागे पहुंचे. अस्पताल के प्रिंसिपल का कहना है कि दो मौतें कार्डिएक अरेस्ट और दो की मौत पुरानी बीमारी के कारण हुआ है. 

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गौरतलब है कि इससे पहले भी गोरखपुर में अस्पताल की लापरवाही के बाद कई बच्चों ने अपनी जान गंवा दी थी. लेकिन फिर भी योगी सरकार अभी तक इससे कोई सबक नहीं ले पाई.

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