scorecardresearch
 

Kanpur: CBI की रेड के 13 दिन बाद ही अफसर लेने लगा घूस, फिर जांच एजेंसी ने बिछाया ट्रैप और...

कानपुर स्थित भविष्य निधि मुख्यालय पर सीबीआई ने 15 दिन के अंदर दूसरी बार छापेमारी करके प्रवर्तन अधिकारी अमित श्रीवास्तव को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है. आरोपी अफसर 3 लाख रुपये की रिश्वत ले रहा था.

Advertisement
X
CBI ने की छापेमारी
CBI ने की छापेमारी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • EPF मुख्यालय का प्रवर्तन अधिकारी गिरफ्तार
  • 3 लाख रुपये की घूस ले रहा था अफसर

उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्थित भविष्य निधि मुख्यालय के कर्मचारियों को लगता है किसी का डर नहीं है. यही वजह है कि 12 अप्रैल को सीबीआई और विजलेंस की रेड के बाद भी वह धड़ल्ले से रिश्वत ले रहे थे. सोमवार को सीबीआई टीम ने फिर से रेड मारी और प्रवर्तन अधिकारी अमित श्रीवास्तव को 3 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. 

Advertisement

दरअसल, कानपुर ईपीएफ ऑफिस में सीबीआई की गिरफ्त में ये अधिकारी अमित श्रीवास्तव है. ये विभाग में प्रवर्तन अधिकारी है. चौबेपुर के सिद्धार्थ इंटरनेशनल स्कूल के मालिक जयपाल सिंह का आरोप है कि अमित श्रीवास्तव ने पीएफ जांच के नाम पर चार लाख की घूस मांगी थी, मैंने इसकी शिकायत सीबीआई से की थी.

जयपाल सिंह ने बताया कि मेरी शिकायत पर पर सीबीआई ने पूरा जाल बिछाया, सोमवार को जयपाल सिंह जब तीन लाख की घूस अमित श्रीवास्तव देने लगे, उसी समय सीबीआई टीम ने अमित को रंगे हाथों रुपयों के साथ पकड़ लिया. जयपाल सिंह के मुताबिक, अमित ने सभी नोट पांच-पांच सौ के मांगे थे.  

गौरतलब है कि भविष्य निधि मुख्यालय में प्राइवेट संस्थानों के पीएफ फंड और कर्मचारियों की पेंशन सम्बन्धी सभी काम होते हैं, लेकिन सीबीआई को यहां रिश्वतखोरी की कई शिकायतें मिल रही थी, इसीलिए 12 अप्रैल को सीबीआई ने विभाग की विजलेंस टीम के साथ यहां छापा मारा था. इसके बाद भी ईपीएफओ के अफसर नहीं सुधरे और रिश्वत ले रहे थे.

Advertisement

सोमवार को सीबीआई टीम के एसपी हेमंत तिवारी के साथ कई बड़े अधिकारी कार्यवाही को पहुंचे थे. इस दौरान सीबीआई अपने साथ नोट गिनने की मशीन भी लाई थी. सीबीआई देर रात तक अमित श्रीवास्तव के रूम की छानबीन करती रही.

इसके बाद सीबीआई की टीम जब अमित को लेकर जाने लगी तो 'आजतक' ने आरोपी अमित से घूस लेने पर सवाल पूछा लेकिन शर्मसार अमित हर सवाल पर सिर्फ मुंह छिपाता रहा. इसके बाद हमने विभाग के कमिश्नर अमूल राज सिंह से भी सवाल पूछा, लेकिन उन्होंने भी कुछ बोलने से इनकार कर दिया.

 

Advertisement
Advertisement