कानपुर के कारोबारी पीयूष जैन के पास बड़ी मात्रा में मिले कैश के बाद जांच जारी है. इसी बीच एक खबर सामने आई जिसमें पीयूष जैन द्वारा टर्नओवर बताकर 52 करोड़ में सेटलमेंट करने की चर्चा थी. लेकिन अब इन सभी ख़बरों का खंडन किया जा रहा है. दिल्ली से पीआईबी के मध्याम से DGGI ने प्रेस रिलीज जारी कर खुलासा किया है कि पीयूष के टैक्स जमा कराने की बात गलत है. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि टर्नओवर बताकर 52 करोड़ में सेटलमेंट की बात पूरी तरह गलत है.
DGGI के मुताबिक पीयूष जैन के घर से मिला कैश स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में जमा कराया गया है. वहीं बताया जा रहा है कि 52 करोड़ टैक्स देने के बाद भी पीयूष की दिक्कतें कम नहीं होगी. ऐसे में DGGI जरुरत पड़ने पर पीयूष जैन को रिमांड पर लेगी. हालांकि पीयूष अभी ज्यूडिशियल कस्टडी में है.
इससे पहले डीजीजीआई के वकील अंबरीश टंडन ने बुधवार को बताया कि उसके घर से जो पैसा बरामद हुआ है, ये टैक्स चोरी की रकम है. बरामद रकम 42 बॉक्स में रखकर बैंक में जमा किया गया है. टंडन ने बताया कि कानपुर में 177 करोड़ 45 लाख रुपये बरामद किया गया है जिसे दो बार में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में जमा कराया गया है. पहली बार 25 बक्सों में 109 करोड़ 34 लाख 74 हजार 240 रुपये जबकि दूसरी बार में 17 बक्सों में 68 करोड़ 10 लाख 27 हजार की रकम बैंक भेजी गई है.
टंडन ने बताया कि बैंक में जमा रकम को भारत सरकार के नाम से एफडीआई करने के लिए डीजीजीआई की तरफ से लेटर दिया गया है. उनसे पूछा गया कि क्या पीयूष जैन को फायदा पहुंचाने के लिए डीजीजीआई ने बरामद रकम को उसके बिजनेस का टर्न ओवर माना है? उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है.
जानकारी के मुताबिक पीयूष जैन के कानपुर और कन्नौज के ठिकानों से की गई छापेमारी में 177 करोड़ की कैश बरामदगी के साथ-साथ 23 किलो सोना मिला है. बरामद सोने के बिस्किट पर International Precious Metal Refinery (IPMR) लिखा है. दुबई के अबू धाबी मुख्यालय की इस रिफायनरी में सोने के बिस्किट तैयार होते हैं, जिसकी एक शाखा शारजाह में है और दूसरी शाखा गोल्ड लैंड बिल्डिंग, गोल्ड सोक, दुबई में है. आईपीएमआर सीधे सोने की बिक्री नहीं करता. पीयूष जैन के घर से बरामद हुए सोने के बिस्किट पर कुछ मिटाया गया भी है.