कानपुर के पीयूष जैन (piyush jain) का नाम आते ही आंखों के सामने नोटों के बंडल और हर तरफ बिखरा कैश आ जाता है. पीयूष के कानपुर स्थित घर से 177 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी बरामद हुई है. कानपुर और कन्नौज मिलाकर कुल 195 करोड़ रुपये से अधिक कैश मिला है. किसी प्रवर्तन एजेंसी ने आजतक किसी छापे में इतनी नकदी नहीं जब्त की थी.
पीयूष जैन के पकड़े जाने के बाद अब धीरे-धीरे नए खुलासे हो रहे हैं. अब पता चला है कि किस तरह से उसने फर्जीवाड़े का एंपायर खड़ा किया था.
सोमवार शाम वित्त मंंत्रालय ने बताया था कि जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) की अहमदाबाद यूनिट ने 22 दिसंबर को सर्च ऑपरेशन चलाया था. इसमें कानपुर में शिखर ब्रांड पान मसाला और तंबाकू उत्पाद की फैक्ट्री, गणपति रोड कैरियर्स के कानुपर स्थित ऑफिस और गोदाम, ओडोकेम इंडस्ट्रीज (परफ्यूमरी कंपाउंड्स के सप्लायर्स) के कानपुर और कन्नौज स्थित ठिकानों पर छापा मारा गया था.
यहां टीम ने गणपति रोड कैरियर्स के चार ट्रकों की जांच की. ये ट्रक शिखर का पान मसाला और तंबाकू लेकर जाते थे. लेकिन पाया गया कि उन्होंने जीएसटी की पेमेंट नहीं की थी. अफसरों ने जब फैक्ट्री में मौजूद स्टॉक का मिलान किताब में लिखे स्टॉक से किया तो यह पता चला. मिलान में कच्चे माल और तैयार उत्पाद की कमी पाई गई.
जीएसटी बचाने के लिए करते थे फर्जीवाड़ा
आगे जांच में पता चला कि उत्पादक ट्रांसपोर्टर की मदद से जीएसटी बचाने कि लिए उत्पाद को गुपचुप तरीके से फैक्ट्री से निकलवाता था. इसके लिए फर्जी रसीदें बनाई जाती थीं. ये फर्जी रसीदें ट्रांसपोर्टर ही बनाता था. अफसरों को ऐसी 200 फर्जी रसीदें मिली थीं. शिखर पान मसाला बनाने वाली उत्पादक ने इस बात को माना और 3.09 करोड़ की टैक्स देनदारी की.
इसके बाद कानपुर में ओडोकेम इंडस्ट्रीज के ठिकानों पर छापेमारी हुई. इसमें 177.45 करोड़ रुपये कैश बरामद करके जब्त किया गया. इसे CBIC अधिकारियों द्वारा की गई अब तक की सबसे बड़ी जब्ती बताया गया है.
मिला 23 किलो सोना और 6 करोड़ का चंदन का तेल
लेकिन जांच यहीं नहीं रुकी. आगे CBIC ने ओडोकेम इंडस्ट्रीज के कन्नौज स्थित ठिकानों पर छापेमारी की. वहां से 17 करोड़ कैश मिला. साथ ही साथ वहां से 23 किलो सोना और बहुत सारा बेहिसाब कच्चा माल मिला. इसका इस्तेमाल पान मसाले और गुटखे के सुगंधित कंपाउंड (perfumery compounds) बनाने के लिए होना था. इसमें 600 किलो चंदन का तेल भी शामिल था जिसे तहखाने में छिपाकर रखा गया था. इसकी मार्केट वैल्यू 6 करोड़ रुपये है.
25 दिसंबर को जब जैन से पूछताछ हुई तो उसने जीएसटी अधिकारियों के सामने कबूला कि जो कैश मिला वह उस माल से संबंधित है जो जीसएसटी पेमेंट के बिना बेचा गया. इसके बाद 26 दिसंबर को पीयूष जैन को गिरफ्तार कर लिया गया. कारोबारी को CGST एक्ट के सेक्शन 132 के तहत अरेस्ट किया गया है. अब जब्त कागजों के सहारे आगे जांच जारी है.