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कानपुर: कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के ल‍िए अनोखी पहल, फ्री में दे रहे कोच‍िंग

समाज में कोविड -19 पीड़ितों की अनोखी मदद करने का संकल्प कानपुर के कोचिंग संचालक ने क‍िया ज‍िन्होंने अनोखी पहल करके सबको चौंका दिया.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोरोना के कहर से अनाथ हुए बच्चों के ल‍िए फ्री कोच‍िंग
  • एक सप्ताह पहले शुरू क‍िया म‍िशन

वैश्विक महामारी कोविड -19  इस सदी की सबसे बड़ी त्रासदी है. अब तक पूरे विश्व में लाखों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. बहुत जगह ऐसा भी हुआ है की पूरा का पूरा परिवार ही समाप्त हो गया. किसी के जवान बेटे नहीं रहे तो किसी के मां-बाप नहीं रहे. बहुतों ने अपनों को खोया है परन्तु  इतनी कठिन परिस्थितियों में भी मानवता ने हार नहीं मानी और कई लोग और संस्थाएं मदद के लिए आगे आ-आ कर लोगों की मदद कर रहे हैं.

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एएनआई के अनुसार, समाज में कोविड -19  पीड़ितों की अनोखी मदद करने का संकल्प कानपुर महानगर के रतन लाल नगर में रहने वाले कोचिंग संचालक ने की ज‍िन्होंने अनोखी पहल करके सबको चौंका दिया. आशु वैद की कोचिंग में सौ से ज्यादा छात्र व छात्राएं पढ़ने जाते हैं. 

कोरोना कोविड -19 संक्रमण काल में उनकी कोचिंग के लगभग 15 बच्चों ने अपने माता-पिता को इस महामारी की भेंट चढ़ते देखा है.  छोटी उमर में मां -बाप का साया उठ जाने से हुए अनाथ इन बच्चों के सामने का भविष्य अन्धकार में दिखने लगा.

यही नहीं, आफत तो उन पर भी आई है जो लोग बेरोजगार हो गए और अब अपने बच्चों  के भविष्य को लेकर चिंतित थे.  तभी आशु वैद किसी फ़रिश्ते की तरह उनकी ज़न्दगी में आये और उन्होंने उन 20 बच्चों को पढ़ाने और अपने पैरों पर खड़ा होने तक उनकी जिम्मेदारी ले ली.

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यही नहीं, जिन 40 बच्चों के माता-पिता बेरोजगार हो गए उनको भी बिना किसी फीस लिए पढ़ाने की जिम्मेदारी ली है. इसके अलावा जब उन्होंने यह घोषित कर दिया क‍ि कानपुर महानगर में किसी भी बच्चे को इस तरह की तकलीफ का सामना करना पड़ा हो वो सभी को मुफ्त में पढ़ाएंगे जिससे उनका भविष्य किसी भी तरह से बाधित ना  हो सके.

इस बारे में उन्होंने बताया क‍ि जब कोरोना की दूसरी लहर में उनकी कोच‍िंग में पढ़ने वाले कई बच्चों के माता-प‍िता दोनों की मौत हो गई तो बच्चों के आगे पढ़ने का मनोबल टूट गया. बच्चों ने आगे पढ़ने से मना क‍िया तो उन्होंने इस पीड़ा को समझा और उन सबकी फ्री में पढ़ाने का पहल की. इस पहल को शुरू क‍िए हुए एक सप्ताह हो गया है. वैसे तो 12वीं में यद‍ि कोई बच्चा साईंस के तीनों सब्जेक्ट पढ़ता है तो करीब 40 हजार रुपये खर्च होते हैं लेक‍िन कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के ल‍िए वह अपनी कोच‍िंग में फ्री में पढ़ाई करवाएंगे. 

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