उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान कानपुर की कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. उनकी सजा पर कोर्ट में बहस चल रही है. थोड़ी देर में फैसला आ सकता है. कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को कानपुर की कोर्ट ने अवैध असलहा से जुड़े एक मामले में दोषी करार दिया था. इसके बाद राकेश सचान कोर्ट से कथित तौर पर आदेश की कॉपी लेकर भाग निकले थे.
इस दौरान कोर्ट परिसर में बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया. इतना ही नहीं राकेश सचान के बड़ी संख्या में समर्थक भी कोर्ट पहुंचे.
कोर्ट के आदेश की कॉपी लेकर भागने पर राकेश सचान के खिलाफ पुलिस ने शिकायत दर्ज की गई थी. हालांकि, इस मामले में पुलिस मंत्रीजी के खिलाफ कार्रवाई करने से बचती दिखी. हालांकि, पुलिस ने सफाई देते हुए कहा था कि रविवार को कोर्ट बंद था जिसकी वजह से मामले में जांच शुरू नहीं की जा सकी. कानपुर पुलिस के मुताबिक, कोर्ट से मिले पत्र पर एसीपी कोतवाली को मामले की जांच सौंपी गई है. जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उन्हें कोर्ट के संज्ञान में लाया जाएगा.
31 साल पुराना है मामला
दरअसल, राकेश छात्र जीवन में छात्र राजनीति के नेता रहे हैं. उन पर चल रहे कई मुकदमे छात्र जीवन से जुड़े हैं. जिस मामले की फाइल लेकर भागने का आरोप उन पर लगा है, वह 1991 में उनके छात्र जीवन के समय का एक केस है. नौबस्ता इलाके में 31 साल पहले नृपेंद्र सचान की दो लोगों के साथ हत्या हुई थी. उस समय राकेश सचान को नौबस्ता एसओ ब्रजमोहन ने एक राइफल के साथ पकड़ा था, जिसका लाइसेंस उनके पास नहीं था.
हालांकि राकेश सचान दावा करते रहे हैं कि राइफल उनके नाना की थी. पुलिस ने जानबूझकर उन्हें पकड़ लिया. यही मुकदमा तब से कोर्ट में चल रहा था. जिस पर शनिवार को एसीएमएम थर्ड कोर्ट अपना जजमेंट देने जा रही थी. लेकिन आरोप है कि राकेश सचान वह पत्रावली लेकर भाग गए.