कानपुर हिंसा के मुख्य आरोपी और साजिशकर्ता जफर हयात हाशमी की 48 घंटे की पुलिस कस्टडी रिमांड शुक्रवार को कोर्ट ने मंजूर की है. उसकी सात दिन की रिमांड की मांग को लेकर कोर्ट में तीन दिन से बहस हो रही थी. रिमांड के दौरान कानपुर पुलिस हिंसा में पीएफआई के कनेक्शन, जफर और उसके संगठन को मिल रही फंडिंग को लेकर पूछताछ करेगी.
हयात जफर लखनऊ से हुआ था गिरफ्तार
मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी को पुलिस ने लखनऊ के हजरतगंज से गिरफ्तार किया था. कानपुर के पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने बताया था कि आरोपी जावेद अहमद का एक यूट्यूब चैनल जो लखनऊ के हजरतगंज है. पुलिस को पता चला था कि सभी आरोपी इसी चैनल के ऑफिस में छुपे हुए हैं, जिसके बाद यहां से मुख्य साजिशकर्ता हयात जफर हाशमी के अलावा जावेद अहमद खान, मोहम्मद राहिल और मो. सूफियान को गिरफ्तार कर लिया गया था.
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3 जून को बुलाया गया था बंद
कानपुर में मुस्लिम संगठनों ने 3 जून को बंद बुलाया था. मुस्लिम संगठन नूपुर शर्मा के कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिए बयान का विरोध कर रहे थे. इस दौरान हिंसा फैल गई थी. पुलिस के मुताबिक, इस मामले में अब तक 50 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं, पोस्टर में शामिल 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार आरोपियों में से कुछ नाबालिग भी हैं.
कानपुर हिंसा की जांच कर रही एसआईटी की टीम को भले ही जफर हयात हाशमी के सीधे पीएफआई से कनेक्शन के तार ना मिले हों, लेकिन उसके करीबियों का पीएफआई से रिश्ता जरूर सामने आ चुका है. इसी कड़ी में कानपुर की बेकनगंज पुलिस ने मोहम्मद उमर, सैफुल्लाह और मोहम्मद नसीम को गिरफ्तार किया है.
147 इमारतों से हुई थी पत्थरबाजी
पुलिस ने जांच में दावा किया है कि 147 इमारतों से पत्थरबाजी की गई थी. बताया जा रहा है कि सीसीटीवी से पहचान होने के बाद इन इमारतों की वैधता की जांच की जाएगी. इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. वहीं कानपुर शहर के काजी मौलाना अब्दुल कुद्दूस हादी मुस्लिमों पर एक तरफा कार्रवाई का आरोप लगा चुके हैं.
PFI कनेक्शन को लेकर 3 आरोपी अरेस्ट
कानपुर हिंसा एक गहरी साजिश का हिस्सा थी. इसके तार सीधे तौर पर पीएफआई से जुड़ते जा रहे हैं. पीएफआई से जुड़े 3 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. अभी 5 अन्य की तलाश जारी है.
सीएए-एनआरसी में जफर का नाम आया था
बताया जा रहा है इन तीनों का पीएफआई से सीधे संबंध रहा है. दो साल पहले नागरिक संशोधन कानून के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन में पुलिस ने इन तीनों को जेल भेजा था. सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शन में जफर हयात हाशमी का नाम भी आया था, लेकिन तब उसे पुलिस ने जेल नहीं भेजा था. हालांकि, मामले की जांच अभी भी चल रही है.