Kasganj Police Custody Death Row: उत्तर प्रदेश के कासगंज में थाने में अल्ताफ (Altaf) नाम के युवक की मौत के बाद से सियासी घमासान मचा हुआ है. पुलिस की 'टोंटी से फांसी' लगाने की थ्योरी पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. विपक्षी पार्टियों ने सत्ताधारी बीजेपी को निशाने पर लिया है. इसके बाद अब यूपी के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह (Sidharth Nath Singh) ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को आड़े हाथों लिया है. सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि अखिलेश को टोंटी का बड़ा ज्ञान है.
थाने में युवक की मौत के सवाल पर सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आजतक से कहा, 'एक प्रक्रिया की तहत कार्रवाई की गई है. मृतक के पिता ने वायरल वीडियो में संतुष्ट बताया है लेकन विपक्ष इसे सांप्रदायिकता का रंग चढ़ाने का काम कर रही है. ये सिर्फ इसलिए क्योंकि एक मुस्लिम की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हुई है. इसलिए विपक्षी दल तुष्टीकरण की नीति के तहत ये सब कर रहे हैं.'
उन्होंने कहा, 'भारत के अंदर कहीं पर भी ऐसी चीजें होती हैं तो उसकी जांच होती है. मानवाधिकार आयोग होता है. इस मामले में पिता का एक वीडियो भी वायरल हुआ जिसमें वो संतुष्ट हैं.' उन्होंने दावा करते हुए कहा कि मृतक के पिता के साथ कोई जबरदस्ती नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि जांच की जाएगी और उसके हिसाब से कार्रवाई होगी. सिंह ने कहा कि एक जजमेंट के साथ एक कैंपेन शुरू किया जाए, ये विपक्ष की हताशा को दिखाता है.
वहीं, इस घटना पर समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने आत्महत्या पर सवाल खड़े किए हैं. इस पर सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, 'अखिलेश यादव को टोंटी का बड़ा ज्ञान है. टोंटी के विषय में जितना उनको ज्ञान है उतना किसी और को ज्ञान नहीं हो सकता. अखिलेश यादव अपना टोंटी ज्ञान फॉरेंसिक वालों को भी दें.'
दरअसल, 2017 में बीजेपी ने आरोप लगाया था कि अखिलेश यादव मुख्यमंत्री आवास छोड़ने से पहले टोंटी निकालकर ले गए थे. सिद्धार्थ नाथ सिंह का इशारा उसी ओर था.
दूसरी तरफ कांग्रेस ने कासगंज में अपना डेलिगेशन भेजा है. इसपर प्रियंका गांधी ने कहा, 'हमने कासगंज में अपना डेलिगेशन भेज दिया है. उनकी रिपोर्ट आने के बाद इसपर मैं कुछ कह पाऊंगी.'
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जिन्ना विवाद पर बोले- तुष्टिकरण की डफली बजा रहा विपक्ष
यूपी में इस वक्त मोहम्मद अली जिन्ना पर सियासत छिड़ी हुई है. इस पर सिंह ने कहा कि प्रियंका, अखिलेश, ओवैसी, राजभर सब लोग जिन्ना को आदर्श बनाकर घूम रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा करके वो उन मुस्लिमों पर सवाल उठा रहे हैं जिन्होंने 1947 में बंटवारे के बाद पाकिस्तान न जाने का फैसला लिया था. उन्होंने कहा कि चुनाव नहीं होता ये मौका भी नहीं दिखता. चुनाव है इसलिए वो अपनी तुष्टिकरण की डफली बजा रहे हैं.
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने मोहम्मद अली जिन्ना को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, जबकि आरएसएस और हिंदू महासभा को बंटवार का जिम्मेदार बताया था. इस पर सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि ओमप्रकाश राजभर ने शायद इतिहास नहीं पढ़ा है. जब वो हमारे कैबिनेट में सहयोगी थे तो उनको पढ़ने-लिखने का शौक नहीं था, लेकिन वो इतिहास पढ़े नहीं हैं तो कम से कम गूगल पर पढ़ कर देख लें कि जिन्ना का ही एक दबाव था जिसके कारण भारत का बंटवारा हुआ और पाकिस्तान बना.