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Kashi में अनोखी बारात, साधु संन्यासी और भूत- पिशाच बनकर नाचे बच्चे, देखें PHOTO

महाशिवरात्रि पर काशी (Kashi Mahashivratri) में भगवान शिव की बारात निकाली गई. इसमें अलग-अलग भव्य झांकियां खाई गईं. बारात में बनारस की सड़कों पर साधु और भूत बनकर श्रद्धालु शामिल हुए. इस दौरान आकर्षक वेशभूषा में कलाकार नाचते-गाते और झूमते हुए आगे बढ़ते नजर आए.

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भगवान शिव की बारात में शामिल हुए श्रद्धालु. (Photo: Aajtak)
भगवान शिव की बारात में शामिल हुए श्रद्धालु. (Photo: Aajtak)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • शिव बारात में बड़ी संख्या में शामिल हुए श्रद्धालु
  • महाशिवरात्रि पर निकालती है भगवान शिव की बारात

महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के पावन अवसर पर भोले बाबा की नगरी काशी में (Kashi Mahashivratri) बाकायदा शिव बारात निकाली जाती है. शहर के अलग-अलग शिवालयों से शिव बारात निकालने की वर्षों पुरानी परंपरा है. महाशिवरात्रि पर काशी में जगह-जगह शिवालयों से शिव बारात निकालती है. बाबा की बारात में भूत, प्रेत, दानव, असुर, अड़भंगी, साधु-संन्यासी और यहां तक कि देवी-देवता भी बाराती बने रहते हैं. ऐसी ही एक शिव बारात काशी क भेलूपुर इलाके के तिलभांडेश्वर मंदिर से भी निकालती है.

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भगवान शिव की बारात में शामिल हुए श्रद्धालु. (Photo: Aajtak)

महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के मौके पर काशी में तमाम जगहों से शिव बारात (shiv baaraat) निकाली जाती है. इन्हीं में से एक शहर के भेलूपुर इलाके में स्थित तिलभान्डेश्वर मंदिर से भी कई वर्षों पहले से शिव बारात निकाली जा रही है.

महाशिवरात्रि पर Kashi में निकली भगवान शिव की बारात. (Photo: Aajtak)

यह बारात शहर के विभिन्न इलाकों से होते हुए वापस तिलभांडेश्वर मंदिर पर पहुंची. शिव बारात के दौरान पूरा वातावरण ढोल-नगाड़ों और बैंड-बाजों की गूंज से गुंजायमान हो उठा. वहीं श्रद्धालु शिव (Shiva devotees) में रम गए. 

महाशिवरात्रि पर Kashi में निकली भगवान शिव की बारात. (Photo: Aajtak)

बारात में ऊंच-नीच, भेद-भाव मिटाकर शामिल होते हैं शिव भक्त

महाशिवरात्रि पर Kashi में निकली भगवान शिव की बारात. (Photo: Aajtak)

श्री तिलभांडेश्वर शिव बारात समिति वाराणसी के अध्यक्ष राम बाबू यादव ने कहा कि दोपहर के वक्त निकाली गई शिव बारात पूरे शहर का भ्रमण करके शाम के वक्त वापस मंदिर पर आकर खत्म होती है.

महाशिवरात्रि पर Kashi में निकली भगवान शिव की बारात. (Photo: Aajtak)

इस दौरान देवी देवताओं का स्वरूप रखे श्रद्धालुओं के अलावा भूत, प्रेत, पिशाच, दानव और भोले बाबा के सभी गण भी बारात में शरीक होते हैं. पूरे रास्ते हर हर महादेव का उद्घोष होता रहता है. शिव बारात में ऊंच-नीच, भेद-भाव मिटाकर सभी एक समान सिर्फ शिव भक्त हो जाते हैं.

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