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पीएम मोदी के हाथों 20 मिनट के भीतर होगा काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण, ये है शुभ मुहूर्त

Kashi Vishwanath Dham News: दो साल की कड़ी मेहनत और 700 करोड़ रुपयों से बनकर तैयार विश्वनाथ धाम या विश्वनाथ कॉरिडोर को लेकर उत्सुकता है कि आखिर कब पीएम नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को इसे देश की जनता को समर्पित करेंगे?

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Kashi Vishwanath Corridor
Kashi Vishwanath Corridor
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 20 मिनट के भीतर विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करेंगे PM
  • आपदाओं से रक्षा करने वाला है 20 मिनट का यह शुभ मुहूर्त

आज न केवल देश, बल्कि पूरी दुनिया के सनातनियों और शिव भक्तों में दो साल से भी ऊपर की कड़ी मेहनत और 700 करोड़ रुपयों से बनकर तैयार काशी विश्वनाथ धाम या विश्वनाथ कॉरिडोर को लेकर उत्सुकता है कि आखिर कब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को धाम को देश की जनता को समर्पित करेंगे? आजतक के पास वह खास जानकारी हाथ लगी है, जिससे पता चला है कि 13 दिसंबर को 20 मिनट के भीतर ही विश्वनाथ धाम का पीएम के हाथों लोकार्पण होना है. खास बात यह है कि राम मंदिर के भूमि पूजन और विश्वनाथ मंदिर में मां अन्नपूर्णा की मूर्ति की पुनर्स्थापना का मुहूर्त भी यहीं से निकला था.

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20 मिनटों में ड्रीम प्रोजेक्ट का लोकार्पण

पीएम मोदी 13 दिसंबर को दोपहर 1 बजकर 37 मिनट से 1 बजकर 57 मिनट के बीच 20 मिनटों में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ धाम का लोकार्पण मंदिर चौक के हिस्से में करके जनता को समर्पित कर देंगे. यह तिथि और समय निकालने का काम किसी और ने नहीं, बल्कि उन्हीं काशी के श्री वल्लभराम शालिग्राम सांगवेद विद्यालय के विद्वानों ने किया है, जिन्होंने राम जन्मभूमि के भूमि पूजन और विश्वनाथ प्रांगण में मां अन्नपूर्णा के पुनर्स्थापना का मुहूर्त निकाला था. मुहूर्त और विशेष संयोग के बारे में विद्यालय के अध्यक्ष विश्वेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने बताया कि 13 दिसंबर की तारीख इसलिए उपयुक्त मिली, क्योंकि शुक्ल पक्ष में चंद्रमा की एक-एक कला बढ़ती रहती है. 

Auspicious time for Kashi Vishwanath corridor inauguration
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन का मुहूर्त

आपदाओं से रक्षा करने वाला 20 मिनट का मुहूर्त

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विश्वेश्वर शास्त्री ने कहा कि तिथियों के क्रम का भी तीन पर्याय होता है. उसमें तिथि पूर्ण मिली है और वार भी सोमवार का मिल गया. रेवती नक्षत्र है और सोमवार और रेवती नक्षत्र का योग मातंग योग बनता है. मातंग यानी हाथी. हाथी काफी बलवान होता है और हाथी मंगल और शुभ है. इसलिए राष्ट्र का कल्याण और विश्व की शांति होगी और चंद्रमा के बढ़ने से स्वास्थ्य भी बढ़ेगा. इसके साथ-साथ भार्गव मुहूर्त का भी संयोजन है. भार्गव मुहूर्त में उत्सव संबंधी काम करने चाहिए. भार्गव मुहूर्त में दोपहर 1.37 से 1.57 बजे तक का 20 मिनट का काल यह किसी भी प्रकार से सारी आपदाओं से रक्षा करने वाला है. इस 20 मिनट में लोकार्पण का काम हो सकता है. जिसमें कहीं अनावरण, माल्यार्पण, शंख बजाना, दीप जलाना और उद्घोषणा तक शामिल है.

इस प्रकार से पीएम मोदी गंगा मार्ग से आकर 5-10 मिनट पहले ही 1 बजकर 37 मिनट से पूर्व स्थिर हो जाएंगे और लोकार्पण कार्य को 1.37-1.57 के बीच संपन्न करेंगे. उसी अंतराल में काम होगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि धाम का लोकार्पण शिलापट्ट से साथ हो सकता है, यह उसी दिन पता चलेगा.  

आगे भी हैं कई विग्रह

सिर्फ विश्वनाथ धाम के लोकार्पण की तिथि और मुहूर्त निकालना चुनौती भरा काम नहीं था, बल्कि धाम के निर्माण के दौरान हटाए गए विग्रहों का पुन: प्राण प्रतिष्ठा बगैर किसी दोष के करना भी टेढ़ी खीर थी. जिसको विद्यालय के ही परीक्षा अधिकारी गणेश्वर शास्त्री आचार्य ने किया. वे बताते हैं कि देव मूर्तियों और शिव लिंगों की स्थापना थी. कई तरह की शांति और होम करके पुन: स्थापना मंत्रोच्चार के साथ किया गया और प्रतिष्ठा के विधान से विधिवत प्रतिष्ठा 9-10 दिसंबर को 22 विग्रहों का किया गया और आगे भी कई विग्रह हैं, जो आगे  सुविधानुसार होगा.
 

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