वाराणसी की अदालत में भले ही फैसला आज सुनाया जाएगा, मगर इसके पहले काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत ने एक नया दावा कर दिया है. महंत कुलपति तिवारी ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने के भीतर खजाना है. उन्होंने इसे ऐश्वर्य मंडप का नाम दिया है.
Aajtak से एक्सक्लूसिव बातचीत में काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत कुलपति तिवारी ने दावा किया है कि ज्ञानवापी के पूरब में बने तहखाने में खजाना दबा है. महंत ने अपने दावे को धर्मग्रंथ की कसौटी पर कसा और निर्णय संधु समेत स्कंद पुराण के श्लोकों के जरिए अपनी बात को साबित करने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि कई धर्मग्रंथों के मुताबिक ज्ञानवापी के पूर्वी हिस्से में ऐश्वर्य मंडप दबा है, जिसे लोग तहखाना कहते हैं और उसी की नीचे खजाना भी है.
एक और शिवलिंग का दावा
खजाने का दावा करने वाले काशी विश्वनाथ के महंत ने एक दिन पहले ही ज्ञानवापी में एक और शिवलिंग का दावा किया था. उन्होंने उसी जगह पर शिवलिंग होने की बात कही जहां वजूखाना है. जबकि पहले ही यहां शिवलिंग और फव्वारा को लेकर विवाद चल है. दावे वाला दूसरा शिवलिंग भी नंदी की मूर्ति के सामने ही है. माना जाता है कि नंदी अकेले नहीं होते. उनके मुख के सामने शिव जरूर होते हैं. नए दावे का आधार भी यही है.
पूजा के लिए याचिका दायर
इसके अलावा ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की पूजा अर्चना के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉक्टर कुलपति तिवारी ने अदालत में याचिका भी दायर की. तिवारी ने कहा, ''मैं बाबा विश्वनाथ की तरफ से आया हूं. मैंने आज एक याचिका दाखिल कर अदालत से बाबा के नियमित दर्शन पूजन की मांग की है. मुझे बाबा के राग, भोग, सेवा और भक्तों को दर्शन की अनुमति दी जाए.''
बता दें कि वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में जिला की अदालत ने सोमवार को इस बात को लेकर अपना फैसला मंगलवार तक के लिए सुरक्षित रखा कि किस मामले पर पहले सुनवाई होगी.