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इलाहाबाद में अपने पुश्तैनी घर 'स्वराज भवन' में राहुल गांधी ने गुजारी रात

इलाहबाद की एक पहचान नेहरू-गांधी खानदान से है और उस पहचान में सबसे अहम है 'आनंद भवन'. वो आनंद भवन जिसने नेहरू खानदान की विरासत को अपने में समेट रखा है. गांधी परिवार के चौथी पीढ़ी के राहुल गांधी ने 14 सितंबर की रात अपने उसी पुश्तैनी मकान में गुजारी जहां उनके खानदान की यादें जुड़ी हैं.

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स्वराज भवन
स्वराज भवन

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इलाहबाद की एक पहचान नेहरू-गांधी खानदान से है और उस पहचान में सबसे अहम है 'आनंद भवन'. वो आनंद भवन जिसने नेहरू खानदान की विरासत को अपने में समेट रखा है. गांधी परिवार के चौथी पीढ़ी के राहुल गांधी ने 14 सितंबर की रात अपने उसी पुश्तैनी मकान में गुजारी जहां उनके खानदान की यादें जुड़ी हैं.

देवरिया से दिल्ली तक की अपनी किसान यात्रा के क्रम में जब राहुल गांधी इलाहबाद पंहुचे तो उन्होंने एक रात आनंद भवन में गुजारी जो कभी कांग्रेस की राजनीति का केंद्र हुआ करती थी. राहुल गांधी, आनंद भवन के स्वराज भवन में रात भर रहे, ये स्वराज भवन आज भी गांधी परिवार के पास है और जिसमें ये परिवार ठहरता रहा है. इससे पहले 2012 में राहुल गांधी पहली बार यहां रुके थे जबकि सोनिया गांधी इलाहबाद में कई बार यहां रुक चुकी हैं.

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बुधवार देर रात राहुल गांधी यहां पंहुचे थे, गुरुवार सुबह इसी घर से निकलकर पहले चंद्रशेखर आज़ाद पार्क गए वहां चंद्रशेखर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और फिर वापस आनंद भवन आ गए. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को जिंदा करने की कोशिश में राहुल गांधी हर उस प्रतीक को जोड़ते दिख रहे हैं जो कभी कांग्रेसियों की पहचान हुआ करती थी. आनंद भवन यूं तो संग्रहालय में तब्दील किया जा चुका है जहां नेहरू से जुड़ी यादें संगृहीत हैं, एक हिस्से में कमला नेहरू के नाम से अस्पताल चलता है जो इसी परिवार के ट्रस्ट से चलता है. जबकि स्वराज भवन इस परिवार ने अपने लिए रखा है जो उनके गेस्ट हाउस के तौर पर इस्तेमाल होता है.

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