उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की कमान संभाल चुकी रीता बहुगुणा जोशी गुरुवार को बीजेपी में शामिल हो गईं. उत्तर प्रदेश में पहले से खस्ता हाल चल रही कांग्रेस के लिए ये बड़ा झटका है. जानिए रीता बहुगुणा जोशी क्यों कांग्रेस से इतनी नाराज थीं कि उन्होंने पार्टी छोड़ने का बड़ा फैसला ले लिया.
1. महिला कांग्रेस अध्यक्ष रह चुकी रीता जोशी को उत्तर प्रदेश कांग्रेस में कुछ महीने पहले हुए फेरबदल में कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी गई. पार्टी से उनकी नाराजगी की यही बड़ी वजह रही.
2. रीता कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की किसान यात्रा में कहीं नजर आईं. वे कई महीने से पार्टी से नाराज थीं.
3. कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए 'बाहरी' शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया. रीता जोशी यूपी कांग्रेस की सबसे सीनियर महिला नेता मानी जाती हैं. ऐसे में किसी बाहरी को सीएम उम्मीदवार बनाने से उनका नाराज
होना बनता है.
4. रीता बहुगुणा जोशी उत्तराखंड में कांग्रेस से बगावत कर हरीश रावत की सरकार को खतरे में डालने वाले विजय बहुगुणा की बहन हैं. जानकार रीता बहुगुणा जोशी की नाराजगी के पीछे उनके भाई का हाथ भी देख रहे हैं.
कौन हैं रीता बहुगुणा जोशी?
1. 67 वर्षीय रीता का नाता सियासी परिवार से हैं. वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हेमवंती नंदन बहुगुणा की बेटी हैं. उनके भाई विजय बहुगुणा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
2. महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं रीता ने 2014 में लखनऊ से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गई थी. फिलहाल वे लखनऊ कैंट से विधायक हैं.
3. रीता जोशी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हिस्ट्री भी पढ़ा चुकी हैं.
4. 2009 में रीता को बसपा अध्यक्ष मायावती के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने के लिए जेल की हवा भी खानी पड़ी थी.
5. रीता जोशी 5 साल तक इलाहाबाद की मेयर भी रही हैं. खास बात यह है कि उन्हें समाजवादी पार्टी ने इलाहाबाद से अपना मेयर उम्मीदवार नॉमिनेट किया था. इसी के बाद वे सक्रिय राजनीति में उतरी थीं. लेकिन चुनाव जीतने के बाद उन्होंने सपा छोड़ दी और कांग्रेस का दामन थाम लिया.