काशी के ज्ञानवापी में शिवलिंग मिलने के दावे को लेकर बहस जारी है. इसी बीच मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना के मामले में आज फैसला आना है कि कोर्ट में वाद सुनने लायक है या नहीं. फिलहाल वाद मथुरा के जिला जज की अदालत में विचाराधीन है. बता दें कि 13.37 एकड़ भूमि के मालिकाना हक का विवाद है. इसमें 10.9 एकड़ जमीन श्री कृष्ण जन्मस्थान के पास और 2.5 जमीन शाही ईदगाह मस्जिद के पास है. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, रंजना अग्निहोत्री ने वाद दायर किया था. इस केस में अब तक 10 वाद दायर किए जा चुके हैं, सभी वाद जिला जज और सिविल सीनियर डिवीजन न्यायालय में विचाराधीन है.
बता दें कि मथुरा की अदालत में 25 सितंबर 2020 को श्रीकृष्ण विराजमान वाद दायर किया गया था. 20 महीने में 19 बार सुनवाई हो चुकी है. लेकिन अभी तक जिला अदालत से यह निर्णय नहीं हो सका है कि यह वाद यहां चलने योग्य है या हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगा. आज के इस फैसले पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं.
कब दायर किया गया था वाद
25 सितंबर 2020 को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद दायर किया गया था. सुनवाई के बाद 30 सितंबर को वाद खारिज हो गया. श्री कृष्ण विराजमान मामले में 12 अक्टूबर को जिला जज की अदालत में अपील दायर की गई. 16 अक्टूबर को जिला जज की अदालत ने इसे स्वीकार कर चारों प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया था. उस मामले में 5 और भक्तों ने पक्षकारों ने वाद दाखिल किया. पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष वीरेंद्र अग्रवाल, योगेश आवा, अजय गोयल, केश्वचार्य और वीरेंद्र पोइया ने पक्षकार बनने के लिए वाद दाखिल किया. इससे पहले अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा, माथुर चतुर्वेद परिषद और हिन्दू महासभा पक्षकार बनने के लिए वाद दाखिल कर चुकी है.
5 वाद दायर किए गए हैं अभी तक
वादी वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु जैन ने बताया कि अब तक 5 वाद दायर किए जा चुके है. कटरा केशवदेव मन्दिर की 13.37 एकड़ भूमि के एक हिस्से में बनी शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने के संबंध में सिविल जज सीनियर डिवीजन नेहा बनौदिया की अदालत में दो वाद एडमिट कर लिए गए हैं. वहीं कटरा केशव देव की भूमि के मालिकाना हक को लेकर 950/ 2020 वाद दायर के वादी वकील महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि 2020 में हमने एक मुकदमा दायर किया था.
इस केस में किसने दायर किए वाद
लखनऊ निवासी वकील शैलेन्द्र सिंह, अंकित तिवारी, काव्या सिंह, वरुण कुमार मिश्रा, सूर्यकांत सिंह और दीपक की ओर से दायर किए गए नए वाद में लगभग उन्हीं मुद्दों को उठाया गया है, जिनके संबंध में अन्य वाद दायर किए जा चुके हैं. वहीं श्रीकृष्ण विराजमान बजरिये शैलेन्द्र सिंह और अन्य चार अधिवक्ताओं ने वाद दायर किया. शाही मस्जिद ईदगाह, सुन्नी वक्फ बोर्ड, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के पदाधिकारियों को खिलाफ पार्टी बनाया गया है. कोर्ट ने श्रीकृष्ण विराजमान बजरिये हिन्दू आर्मी के मुखिया मनीष यादव द्वारा दायर वाद को स्वीकार कर लिया है. यह वाद मनीष यादव के अधिवक्ता शैलेन्द्र सिंह के माध्यम से कटरा केशवदेव मन्दिर की 13.37 एकड़ जमीन के एक भाग में बनी शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने के संबंध में 15 दिसंबर 2020 को दायर किया गया था.
कोर्ट ने 4 संस्थाओं को नोटिस दिया
- श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान
- श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट
- शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी
- उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल बोर्ड को नोटिस जारी
ये है पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन, रंजना अग्निहोत्री और सात अन्य लोगों की ओर से दायर वाद में कहा गया था कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ के नाम से एक सोसाइटी 1 मई 1958 में बनाई गई थी. 1977 में उसका नाम श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान कर दिया गया था. इसके बाद 12 अक्टूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही मस्जिद ईदगाह के प्रतिनिधियों में एक समझौता किया गया था, जो भगवान केशवदेव और उनके भक्तों के हितों और भावनाओं के विपरीत था. 17 अक्टूबर 1968 को यह समझौता पेश किया गया. फिर 22 नवम्बर 1968 को सब रजिस्ट्रार मथुरा के यहां इसे रजिस्टर किया गया था. समझौते के आधार पर सिविल सूट 43 सन 1967 को सिविल जज मथुरा की अदालत से कानूनी जामा मिल गया था.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर एक वाद में कहा गया था कि कटरा केशव देव की सम्पत्ति ट्रस्ट की है. श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को उसका मालिकाना हक नहीं दिया जा सकता. इसलिए समझौता अवैध है, वहीं कटरा केशव देव की सम्पत्ति पर शाही मस्जिद ईदगाह का भी अधिकार नहीं हो सकता. इसलिए उस पर किया गया निर्माण भी अवैध है. इसी आधार पर शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने की बात कही गई है. श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में कटरा केशव देव बनाम शाही ईदगाह केस के वादी महेन्द्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर बनारस की तरह मथुरा में भी कमल, पुष्प आदि को नष्ट न किए जाने के लिए सुरक्षा अधिकारी नियुक्त कर परिसर को सील किये जाने की प्रार्थना की है.
मथुरा श्री कृष्ण जन्म स्थान केशव देव बनाम शाही मस्जिद ईदगाह मामले में वादी पक्ष के तीन लोग महेंद्र प्रताप सिंह, मनीष यादव और दिनेश कौशिक ने प्रार्थना पत्र देकर शाही ईदगाह मस्जिद की वीडियोग्राफी और कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने की मांग की थी. वादी महेंद्र सिंह एडवोकेट का कहना था कि उन्होंने सबसे पहले श्री कृष्ण जन्मस्थान ईदगाह मामले में प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमें उन्होंने वीडियोग्राफी-फोटोग्राफी करा कमिश्नर नियुक्त किए जाने की मांग की थी.