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Kumbh 2019: सिर्फ सुरक्षित ही नहीं बल्कि आधुनिक होगा इस बार का कुंभ

Kumbh 2019 कुंभ में पहली बार आधुनिक इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर की स्थापना की गई है. इस सेंटर से 1100 कैमरों के जरिए निगरानी रखी जाएगी. साथ ही वीडियो एनालिटिक्स, नंबर प्लेट डिटेक्शन और एनपीआर कैमरे भी लगाए गए हैं.

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इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर में पीएम मोदी और सीएम योगी
इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर में पीएम मोदी और सीएम योगी

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कुंभ के लिए प्रयागराज तैयार हो चुका है. कुंभ के सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस दोनों ने कमर कस ली है. सरकार के मुताबिक, हिंदुस्तान और दुनिया भर के कोने से कुंभ में डुबकी लगाने के लिए 12 करोड़ श्रद्धालु आ सकते हैं. संगम स्थल पर मेला क्षेत्र में ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने अस्थाई पुलिस मुख्यालय तैयार किया है. कुंभ के लिए विशेष डीआईजी स्तर के अधिकारी की नियुक्ति की गई है. इसी पुलिस मुख्यालय पर उच्चस्तरीय बैठक के लिए सभागार हाल समेत अलग-अलग विभागों के दफ्तर भी बनाए गए हैं.

मेले के लिए इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर

पहली बार संगम स्थल पर उच्चस्तरीय बेहद आधुनिक इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर की स्थापना की गई है, जिसका उद्घाटन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. कुंभ कमांड एंड कंट्रोल सेंटर पर रोजाना बड़े अधिकारियों की बैठक हो रही है, जिसमें पुलिस, प्रशासन, सेना, एनडीआरएफ के अलावा दूसरे महकमों के अधिकारी रोजाना तैयारियों की समीक्षा करते हैं. यह पहली बार हो रहा है कि मेले के लिए इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर बना है.

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1100 कैमरों के जरिए निगरानी

इस कमांड सेंटर के जरिए मेला स्थल पर लगभग 1100 कैमरों के जरिए निगरानी रखी जाएगी. कुंभ के विशेष डीआईजी कविंद्र सिंह आश्वासन दे रहे हैं कि पुलिस सबकी सुरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है. सर्विलांस के साथ साथ वीडियो एनालिटिक्स, नंबर प्लेट डिटेक्शन और एनपीआर कैमरे भी लगाए गए हैं, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था को कायदे से संचालित किया जा सके. डेंसिटी क्राउड पर नजर रखने के लिए भी विशेष कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

लकड़ी की बजाए आधुनिक फ्लोटिंग ब्रिज

इस बार के कुंभ में तकनीक का इस्तेमाल सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र बन सकता है. गंगा, यमुना और संगम पर लकड़ी की बजाए आधुनिक फ्लोटिंग ब्रिज तकनीक का इस्तेमाल करके घाटों की बैरिकेडिंग की जा रही है. पानी के प्रवाह से श्रद्धालुओं को बचाने के लिए यह फ्लोटिंग ब्रिज हर घाट पर लगाए जा रहे हैं. पारंपरिक तौर पर घाटों को बनाने के लिए लकड़ी का इस्तेमाल होता था, लेकिन यह फ्लोटिंग ब्रिज बेहद सुरक्षित हैं और बेहद आधुनिक हैं.

जहाजों से देखने को मिलेगी संगम की खूबसूरती

इतना ही नहीं अंतरराज्य जल मार्ग सेवा के तहत संगम में श्रद्धालुओं के लिए इस बार जहाज भी पानी में उतारे गए हैं. बड़े-बड़े जहाजों के जरिए श्रद्धालुओं और सैलानियों को संगम पर एक अलग ही खूबसूरती देखने को मिलेगी. मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई यह योजना प्रयागराज में आकर्षण का एक प्रमुख केंद्र बनेगी.

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