अयोध्या विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और प्रयागराज में होने वाली धर्म संसद के बीच संगम किनारे बैठे साधु महात्माओं ने राम मंदिर मसले को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा है कि अब सरकार मंदिर नहीं बनाएगी, बल्कि साधु महात्माओं को ही आगे आना होगा. प्रयागराज में होने वाली विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद पर सवाल उठाते हुए नरेंद्र गिरी ने कहा कि वीएचपी को धर्म संसद बुलाने का अधिकार नहीं है, क्योंकि यह अधिकार सिर्फ और सिर्फ शंकराचार्यों को है.
विश्व हिंदू परिषद के बाद प्रयागराज में ही शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने भी धर्म संसद बुलाई है, जहां गाय ,गंगा और राम मंदिर मसले पर चर्चा होगी. महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि बीजेपी अगर तीन तलाक और आरक्षण को लेकर कानून ला सकती है तो फिर राम मंदिर जो उसके मेनिफेस्टो में सबसे प्रमुख मुद्दा था. उसको लेकर कानून क्यों नहीं लेकर आती. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का कहना है कि बीजेपी अगर मंदिर मसले पर आगे नहीं बढ़ी तो 2019 में उसके लिए मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी.
29 जनवरी से राम मंदिर निर्माण के लिए हवन
वहीं, राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट में पक्षकार और निर्माणी अनी अखाड़ा के प्रमुख महंत धर्मदास ने भी विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित धर्म संसद पर सवाल उठाते हुए कहा कि धर्म संसद सिर्फ और सिर्फ अखाड़ा बुला सकता है. धर्मदास का कहना है कि धर्म संसद में राजनीति नहीं, बल्कि धर्म के मुद्दों पर चर्चा की जाती है. महंत धर्मदास भी 29 जनवरी से राम मंदिर निर्माण के लिए यज्ञ शुरू करने जा रहे हैं.
Akhilesh Yadav on Yogi Adityanath's statement 'Can resolve Ram Mandir matter in 24 hours': We have just celebrated 26 January, if a CM says such things on 26 January you can imagine what kind of CM he must be. https://t.co/JHJ00o97np
— ANI UP (@ANINewsUP) January 27, 2019
अखिलेश बोले- साधु-संत को कोर्ट पर भरोसा
वहीं मौनी बाबा ने अपने अखाड़े से संगम तट तक चक्रवर्ती परिक्रमा करते हुए राम मंदिर बनाए जाने की मांग दोहराई है. रविवार को प्रयागराज पहुंचे समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी राम मंदिर के सवाल पर कहा कि साधु-संतों को भी अदालत पर पूरा भरोसा है.