कुंभ की मेजबानी करने के लिए प्रयागराज सजकर तैयार हो गया है. संगम का पूरा इलाका सिर्फ दिन में ही नहीं, बल्कि रात में भी अद्भुत रोशनी में नहाता नजर आ रहा है. प्रयागराज पहले कभी इतनी खूबसूरती से नहीं सजाया गया था. संगम के घाट पर रंग-बिरंगी रोशनी तीर्थयात्रियों को भी खूब भा रही है. इसको लेकर प्रयागराज के निवासी फूले नहीं समा रहे हैं और योगी सरकार की तारीफ में कसीदे पढ़ रहे हैं.
प्रयागराज निवासी एक बुजुर्ग महिला का कहना है कि उन्होंने कुंभ मेले खूब देखे, लेकिन कभी ऐसा बंदोबस्त नहीं देखा. कुंभ मेला के लिए योगी सरकार द्वारा नियुक्त किए गए विशेष मेलाधिकारी विजय किरन आनंद खुद रात-रात तक संगम पर तैयारियों का जायजा ले रहे हैं. इस बार कुंभ के महापर्व पर तीर्थयात्रियों और सैलानियों को नया लुक देखने को मिलेगा.
मेला अधिकारी विजय किरण आनंद बताते हैं कि इस बार कुंभ एक नया अनुभव देगा. उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों को यादगार अनुभव दिया जाए, इसलिए दिव्य कुंभ की परिकल्पना की गई है. संगम पर 10 किलोमीटर लंबे घाट और चेंजिंग रूम बनाए गए हैं. स्वच्छ कुंभ की परिकल्पना के तहत एक लाख 22 हजार 500 शौचालय बनाए गए हैं और साफ-सफाई के लिए 20,000 कर्मचारियों की तैनात की गई है.
प्रशासन के मुताबिक इस बार कुंभ में 12 करोड़ यात्रियों के आने का अनुमान है. मेला अधिकारी इसी आंकड़े को नजर में रखते हुए तैयारियों में जुटे हुए हैं. प्रयागराज की खूबसूरती बढ़ाने के लिए रेलवे ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी है. यमुना के ऊपर बने पुराने लोहे के पुल को भी रोशनी से सजाया गया है. यमुना पर इसकी किरणें दृश्य को मनमोहक बना रही हैं. जाहिर है कि योगी सरकार मेले को दिव्य बनाना चाहती है, लेकिन चुनौती तब शुरू होगी, जब श्रद्धालुओं का आगमन शुरू होगा.
आइए, जानते हैं कैसी है कुंभ की व्यवस्था
- नदी पर बैरिकेडिंग की गई है.
- सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है और वीडियो एनालिटिक इस्तेमाल किया जा रहा है.
- इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर बनाया गया है.
- 40,000 एलइडी लाइट और स्पाइरल लाइट लगाई गई हैं.
- लेजर शो के जरिए सांस्कृतिक कार्यक्रम दिखाने की व्यवस्था की गई है.
- तीर्थयात्रियों के लिए जगह-जगह सेल्फी प्वॉइंट, फूड कोर्ट और कॉफी पॉइंट बनाए गए हैं.
- पूरे प्रयागराज की पेंटिंग की गई है और सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए कन्वेंशन हॉल बनाए गए हैं.
- प्रयाग से जुड़े पर्यटन की कहानी और उत्तर प्रदेश के धरोहर को दिखाया जाएगा.
- संस्कृत गांव में इंडस वैली सभ्यता और इतिहास को प्रदर्शित किया जाएगा.
- भारत की सभी कलाओं को दिखाया जाएगा.
- विदेशी सैलानियों के लिए टेंट सिटी बनाई जा रही है, जहां सामान्य और प्रीमियम क्लास के टेंट मिलेंगे.
- 20,000 से ज्यादा लोगों के रहने के लिए सुविधा की गई है, जहां उन्हें खाना भी मुहैया कराया जाएगा. बड़ी तादाद में भंडारे की भी व्यवस्था की गई है.
- संगम पर 20 लाख से ज्यादा कल्पवास रहेंगे, जिनके लिए खाद्यान्न व्यवस्था की जा रही है.
- हर सेक्टर में दो एटीएम लगाए जा रहे हैं.
- ट्रैफिक की सुगमता के लिए 5 लाख गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है.