होली में रंग खेलने के लिए नवाबों की नगरी के बाजार वैसे तो तरह-तरह की पिचकारियों से पट गए हैं, लेकिन इन तमाम किस्म की पिचकारियों के बीच लखनऊ में एक खास पिचकारी बिक रही है, जिसकी कीमत एक लाख रुपये है और यह इस होली में सभी के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.
इस खास पिचकारी का मूल्य सुनने के बाद एक सवाल जेहन में आता है कि आखिर यह इतनी कीमती क्यों है? असल में यह किसी आम धातु से नहीं, बल्कि चांदी से बनाई गई है. यह पहली बार है, जब चांदी की पिचकारी बाजार में उतारी गई है.
इस खास पिचकारी को बाजार में उतारा है लखनऊ सरार्फा बाजार के सबसे बड़े व्यापारियों में एक कैलाश चंद्र जैन ने, जिनकी पुराने लखनऊ स्थित चौक में जैन ज्वैलर्स के नाम से सोने-चांदी के आभूषणों की दुकान है.
जैन कहते हैं, ‘आमतौर पर लोग अपनी बेटियों की शादी के बाद की पहली होली पर उसके ससुराल पक्ष को चांदी या सोने की कोई न कोई चीज भेंट करते हैं. मैंने सोचा कि क्यों न होली पर ऐसी चीज बनाई जाए, जिसका संबंध सीधा उस त्योहार से हो.’
उन्होंने कहा, ‘कई लोग होली या दीवाली जैसे त्योहारों पर चांदी या सोने का कुछ न कुछ सामान लेकर रखते हैं. इस पिचकारी के रूप में त्योहार का उनका शौक भी पूरा हो जाएगा और उनके पास सम्पत्ति भी हो जाएगी.’
एक लाख रुपये की कीमत की यह पिचकारी करीब डेढ़ किलोग्राम चांदी से निर्मित है. पिचकारी के साथ बाल्टी भी चांदी की ही है. बाल्टी और पिचकारी में फूलों जैसी नक्काशी की गई है, जो इसकी सुंदरता बढ़ाते हैं.
जैन ने कहा, ‘जब चांदी की पिचकारी बनाने का विचार मेरे दिमाग में आया तो मैंने अपने बेटे और दुकान के कर्मचारियों को इस बारे में बताया. उन्होंने इसकी तारीफ की.’
जैन के मुताबिक अब तक करीब एक दर्जन पिचकारियों की बिक्री हो चुकी है और लगभग 20 के आर्डर बुक हैं, जिन्हें दो दिन के भीतर देना है. एक पिचकारी बनाने में करीगरों को करीब 10 दिन का समय लगा.
उन्होंने कहा, ‘पिचकारी बनाने का निर्णय लेने के बाद जब इसकी कीमत एक लाख रुपये तय की गई तो कर्मचारियों के मन में थोड़ी शंका थी कि पता नहीं लोग इतनी महंगी पिचकारी खरीदने में दिलचस्पी दिखाएंगे या नहीं. लेकिन मेरी सोच है कि यदि कोई खास चीज बनाई जाती है तो लोग उसे पसंद करते हैं और वह बिकती भी है.’
इसी बनावट में चांदी की ही कुछ छोटी पिचकारियां भी बनाई गई हैं, जिनकी कीमत कम है. जैन का कहना है, ‘जो लोग चांदी की पिचकारी खरीदना तो चाहते हैं, लेकिन उनका बजट अधिक नहीं है, उनके लिए हमने उसी बनावट की छोटी पिचकारियां भी बनाई हैं, जिनकी कीमत 30-40 हजार रुपये है.’