उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गुरुवार को लखीमपुर जाएंगे. अखिलेश यहां हिंसा में मारे गए किसानों और पत्रकार के परिवारवालों से मुलाकात करेंगे. बुधवार को उनके शाहजहांपुर दौरे के बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि वो 7 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जा सकते हैं.
अखिलेश का तराई बेल्ट में यह दौरा ऐसे समय हुआ जब लखीमपुर खीरी मामले के चलते इस इलाके ही नहीं बल्कि पूरे सूबे की सियासत गरम है. माना जा रहा है कि अखिलेश भले ही शाहजहांपुर गए थे, लेकिन संदेश लखीमपुर खीरी को देना था.
अखिलेश का कार्यक्रम...
- दोपहर 01.00 बजेः किसान नक्षत्र सिंह को श्रद्धांजलि एवं परिवार से शोक संवेदना प्रकट करने उनके आवास ग्राम लहबड़ी थाना धौरहरा जाएंगे.
- दोपहर 2:15 बजे: पत्रकार रमन कश्यप को श्रद्धांजलि एवं परिवार से शोक संवेदना प्रकट करने उनके आवास निघासन जाएंगे.
- दोपहर 3:45 बजे: किसान लवप्रीत सिंह को श्रद्धांजलि एवं परिवार से शोक संवेदना प्रकट करने उनके आवास पलिया जाएंगे.
जो लखीमपुर में हुआ वह तानाशाही - अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने आज तक से बात करते हुए यूपी सरकार पर निशाना साधा. वह बोले कि जो लखीमपुर में हुआ वह तानाशाही का उदाहरण है. ऐसा हिटलरशाही में भी नहीं हुआ. जो लखीमपुर में हुआ वह किसानों के साथ अन्याय है. सरकार में अहंकार भरा पड़ा है. गृह राज्य मंत्री ने धमकी दी, उसका वीडियो वायरल है.
अखिलेश बोले, 'सरकार को गृह राज्य मंत्री का इस्तीफा लेना चाहिए. बाकी दोषियों पर हत्या का केस चलना चाहिए. मोदी विदेश में कहते हैं कि देश में जीवंत लोकतंत्र है, क्या यही जीवंत लोकतंत्र है कि किसानों को कुचला जाए?'
प्रियंका गांधी के आरोपों पर क्या बोले अखिलेश?
अखिलेश यादव से पूछा गया कि प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया था कि सीतापुर में जिस जगह उनको हिरासत में लेकर रखा गया था वहां अच्छी व्यवस्था नहीं थी और साफ सफाई भी नहीं थी. इसपर अखिलेश ने कहा कि इसपर वह टिप्पणी नहीं करेंगे क्योंकि जहां उनको रखा गया था वहां भी कोई व्यवस्था नहीं थी. अखिलेश बोले कि वहां तो पुलिस तक नहीं थी ऐसे ही उनको छोड़ दिया गया था. अखिलेश ने कहा कि सरकार ने किसी तरह का इंतजाम नहीं किया था, इंतजाम का जोर बस इसपर था कि कोई पीड़ित किसान परिवारों से ना मिलें.
'कमरे में बंद थीं इसलिए संघर्ष नहीं देख पाईं'
सीतापुर में हिरासत में लिए जाने के बाद प्रियंका गांधी ने कहा था कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी मैदान में संघर्ष करती नहीं दिखतीं. इसपर अखिलेश ने कहा कि वो कमरे में बंद थीं इसलिए संघर्ष नहीं देख पाईं. सबसे ज्यादा मुकदमे समाजवादियों पर दर्ज हुए, सबसे ज्यादा लाठियां समाजवादियों ने खाई. किसी को टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है कि किसी ने क्या किया. सबको अपना देखना चाहिए. दूसरी पार्टी के नेता पर उंगली उठाने का हक किसी को नहीं है. बता दें कि उस दिन अखिलेश को भी हिरासत में लिया गया था.