उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) में मारे गए चौथे किसान गुरविंदर सिंह का आज सुबह-सुबह अंतिम संस्कार हो गया. गुरविंदर सिंह रविवार को हुई हिंसा में मारे गए थे और घटना के तीन दिन बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया. किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) के मनाने के बाद देर रात गुरविंदर का दोबारा पोस्टमॉर्टम किया गया था.
मंगलवार को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट (Postmortem Report) आने के बाद परिजनों ने रिपोर्ट को गलत बताते हुए दोबारा पोस्टमॉर्टम की मांग की थी और अंतिम संस्कार रोक दिया था. इसके बाद गुरविंदर के शव का दोबारा पोस्टमॉर्टम किया गया.
रविवार यानी 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में हुई हिंसा में चार किसानों की मौत हो गई थी. प्रशासन की ओर से कार्रवाई का आश्वासन दिए जाने के बाद किसानों के परिजन उनका पोस्टमॉर्टम कराने के लिए राजी हुए थे. सोमवार को उन चारों का पोस्टमॉर्टम किया गया. मंगलवार को उन चार में से लवप्रीत सिंह (19), नक्षत्र सिंह (65) और दलजीत सिंह (42) का अंतिम संस्कार मंगलवार को हो चुका है. लेकिन गुरविंदर सिंह (22) का अंतिम संस्कार रोक दिया गया था.
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पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गुरविंदर सिंह की मौत की वजह शॉक और हेमरेज बताई गई थी. हालांकि, परिजनों ने इस रिपोर्ट को गलत बताया था. परिजनों का आरोप था कि गुरविंदर की मौत गोली लगने से हुई है. गुरविंदर मोहरनिया गांव के रहने वाले थे. उनके रिश्तेदारों ने मंगलवार को साफ कह दिया था कि जब तक दोबारा पोस्टमॉर्टम नहीं किया जाता, तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) भी मंगलवार को गुरविंदर के परिजनों से मिलने पहुंचे थे.
काफी मान-मनौवल के बाद और टिकैत से बातचीत के बाद प्रशासन दोबारा पोस्टमॉर्टम कराने के लिए राजी हो गया. देर रात लखनऊ से डॉक्टरों की टीम बहराइच आई और रात में ही भारी सुरक्षा के बीच बहराइच मर्चुरी में गुरविंदर का दोबारा पोस्टमॉर्टम किया गया.
इस हिंसा में 4 किसानों के अलावा तीन बीजेपी कार्यकर्ता हरिओम (35), श्याम सुंदर (40) और शुभम मिश्रा (30) और एक स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप (28) की भी मौत हो गई थी. इन सभी का पोस्टमॉर्टम रविवार रात ही हो गया था और सोमवार को इनका अंतिम संस्कार कर दिया गया.