दिन भर की गहमा गहमी, 22 मिनट की बहस के बाद आशीष मिश्रा को 3 दिन की रिमांड पर पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया. लखीमपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की पुलिस कस्टडी रिमांड पर दिन भर हुई पूछताछ में जहां आशीष मिश्रा के पैरोकार वकीलों ने पीसीआर का विरोध करते हुए तमाम दलीलें दी.
वहीं, दूसरी तरफ पब्लिक प्रॉसिक्यूटर की तरफ से बताया गया कि आशीष मिश्रा से पूछताछ कितनी जरूरी है. कब क्या हुआ और कोर्ट ने 14 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड की अर्जी में बचाव पक्ष के वकील को सुनने के बाद 3 दिन की पीसीआर मंजूर की. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लखीमपुर खीरी की कोर्ट में सुबह 11:00 बजे केस की सुनवाई शुरू हुई तो आशीष मिश्रा की पुलिस कस्टडी रिमांड की अर्जी का नम्बर 2 बजे आया.
दोपहर 1:50 पर आशीष मिश्रा की तरफ से अधिवक्ता अवधेश सिंह और पुलिस की तरफ से एपीओ एसपी यादव के साथ-साथ एडीशनल डायरेक्टर प्रॉसीक्यूशन राजेश श्रीवास्तव कोर्ट पहुंच गए. 2 बजे कोर्ट में सीजेएम चिंताराम कोर्ट रूम में बैठे. 2:10 बजे लखीमपुर खीरी जेल में बंद आशीष मिश्रा को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जोड़ने की कोशिश की गई. तकनीकी खराबी के चलते वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में आशीष मिश्रा जुड़ नहीं पाए.
इसके बाद 2:15 बजे सीजीएम सुनवाई डालकर कोर्ट रूम छोड़ अपने रूम में चले गए. 2:17 पर दोबारा कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई. 2:29 से 2:48 तक दोनों तरफ से बहस हुई. 2:50 पर कोर्ट ने ऑर्डर रिज़र्व कर लिया. 4:00 बजे सीजेएम ने आशीष मिश्रा की 3 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर की.
आशीष मिश्रा के वकील अवधेश सिंह ने क्या कहा ?
करीब 22 मिनट की बहस के दौरान आशीष मिश्रा के वकील अवधेश सिंह ने दलील दी कि शनिवार को आशीष मिश्रा से 12 घंटे की पूछताछ की गई. पुलिस ने 40 सवालों की फेहरिस्त दी. हर सवाल का आशीष मिश्रा ने जवाब दिया. पुलिस ने मोबाइल और राइफल मांगी. आशीष मिश्रा ने मोबाइल दे दिया घर से राइफल मंगा कर दे दी गई. उसके बावजूद पुलिस ने जांच में सहयोग न करने का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लिया. पुलिस प्रताड़ित करना चाहती है.
आशीष मिश्रा ने पुलिस द्वारा पूछी गई हर जानकारी देने के साथ एक पेन ड्राइव में डेढ़ सौ से अधिक फोटोग्राफ और कई वीडियो पुलिस को दिए हैं जिसमें घटना के वक्त उनकी मौजूदगी कार्यक्रम स्थल पर साफ तौर पर दिखाई पड़ रही है. उसके बावजूद पुलिस ने उन को प्रताड़ित करने के लिए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. 12 घंटे की पूछताछ में आशीष मिश्रा को एक कमरे से दूसरे कमरे ले जाया जाता रहा. पीने के लिए सिर्फ पानी दिया गया.
सरकारी वकील ने दी ये दलील
सरकारी वकील एसपी यादव ने दलील देते हुए कहा कि इस संवेदनशील घटना में आशीष मिश्रा की महत्वपूर्ण भूमिका है. आशीष मिश्रा नामजद आरोपी है. आशीष मिश्रा की थार जीप मौके पर मिली है. आशीष मिश्रा के करीबी अंकित दास के बारे में भी जानकारी हासिल करनी है. आशीष मिश्रा घटना वाले दिन कहां-कहां गए इसका सत्यापन कराना जरूरी है. इसलिए आशीष मिश्रा की पुलिस कस्टडी रिमांड जरूरी है. 12 घंटे की पूछताछ के दौरान आशीष मिश्रा तमाम सवालों के जवाब या तो दे नहीं रहे थे या गोलमोल जवाब दे रहे थे. इसके साथ ही हमें कुछ गवाहों के साथ आरोपी का सामना करना पड़ सकता है.
कोर्ट ने पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए रखीं तीन शर्तें
दोनों ही पक्षों की लगभग 22 मिनट की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने तीन शर्तों के साथ आशीष मिश्रा की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर की. पहली शर्त पुलिस प्रताड़ित नहीं करेगी. दूसरी शर्त में आशीष मिश्रा के वकील पूछताछ के दौरान साथ रह सकते हैं लेकिन वह दूर रहकर नजर रख सकते हैं. तीसरी शर्त में आशीष मिश्रा को पुलिस को कस्टडी रिमांड में लेते वक्त और वापस जेल में दाखिला कराते वक्त मेडिकल कराना होगा.