लखीमपुर हिंसा मामले में मंगलवार को होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर मॉनिटरिंग कमेटी ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट शासन को सौंप दी है. वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने अब तक 2 दर्जन से अधिक प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज कर लिए हैं. मिली जानकारी के अनुसार प्रत्यक्षदर्शियों ने मंत्री के बेटे की घटनास्थल पर मौजूदगी का बयान दिया है. साथ ही पुलिस ने जारी की गई तस्वीरों के आधार पर संदिग्धों की पहचान कर तलाश तेज कर दी है.
मामले में मॉनिटरिंग कमिटी ने सोमवार को अपनी स्टेटस रिपोर्ट शासन को सौंप दी है. शासन के जरिए यह स्टेटस रिपोर्ट मंगलवार को होने वाली सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में पेश होगी. पुलिस अब तक 26 प्रत्यक्षदर्शी के बयान कलम बंद बयान दर्ज कर चुकी है. कलम बंद बयान दर्ज कराने वालों में सबसे ज्यादा एक समुदाय विशेष के लोग हैं. सूत्रों की मानें तो अब तक कलम बंद बयान दर्ज कराने वालों ने दावा किया है कि हिंसा के वक्त मंत्री का बेटा आशीष मिश्रा घटनास्थल पर मौजूद था. कई लोगों ने ये भी बयान दिया है कि पुलिस वालों की मदद से वह घटनास्थल से फरार हुआ है.
इधर, पुलिस ने घटनास्थल पर बीजेपी कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या के मामले में भी जांच तेज कर दी है. पुलिस के सामने बयान देने आए किसानों को तस्वीरें दिखाकर भी हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कराने की कोशिश की गई. गवाहों और आरोपियों से हुई पूछताछ के दौरान पुलिस ने दूसरी एफआईआर के आरोपियों की शिनाख्त और धरपकड़ की कोशिशें तेज कर दी हैं. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लखीमपुर क्राइम ब्रांच आसपास के जिलों में भी तलाश कर रही है.
फिलहाल पुलिस को आशीष और अंकित दास के असलहों की बैलेस्टिक रिपोर्ट और घटनास्थल से मोबाइल लोकेशन की रिपोर्ट का इंतजार है. असलहों की बैलेस्टिक रिपोर्ट से जहां यह तय होगा कि लाइसेंसी असलहों से फायरिंग हुई कि नहीं, तो वहीं दूसरी तरफ मोबाइल डिटेल से मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की घटनास्थल पर मौजूदगी भी तय होगी. बता दें कि आशीष मिश्रा फिलहाल लखीमपुर में डेंगू, शुगर और हार्ट की शिकायत के चलते जिला अस्पतालमें भर्ती है.