scorecardresearch
 

बेटी का शगुन लेकर मुलायम के घर लखनऊ पहुंचे लालू यादव

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अपनी छोटी बेटी राजलक्ष्मी का शगुन लेकर समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव के घर गए हैं. उन्होंने अपनी बेटी का रिश्ता मुलायम के पोते तेज प्रताप यादव से तय की है . तेज प्रताप मैनपुरी से सांसद बने हैं. लालू प्रसाद का परिवार दोपहर में लखनऊ पहुंचा.

Advertisement
X
राजलक्ष्मी और तेज प्रताप की फाइल फोटो
राजलक्ष्मी और तेज प्रताप की फाइल फोटो

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अपनी छोटी बेटी राजलक्ष्मी का शगुन लेकर समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव के घर गए हैं. उन्होंने अपनी बेटी का रिश्ता मुलायम के पोते तेज प्रताप यादव से तय की है . तेज प्रताप मैनपुरी से सांसद बने हैं. लालू प्रसाद का परिवार दोपहर में लखनऊ पहुंचा.

Advertisement

लखनऊ रवाना होने से पहले लालू प्रसाद यादव ने कहा, 'हम लखनऊ जा रहे हैं ताकि मुलायम सिंह यादव से मिलकर मंगनी और शादी की तारीख तय कर सकें. इसके बाद हम दिल्ली लौटेंगे और फिर रांची जाएंगे.'

गौरतलब है कि लालू प्रसाद और मुलायम के परिवार में रिश्तेदारी का बंधन ऐसे समय बंध रहा है, जब‍ बीजेपी के खि‍लाफ पुराना जनता दल परिवार एकजुट होने की तैयारी में है. यानी एक तरह से इसे सियासत की राजनीति को रिश्तेदारी के रंग में रंगने की कवायद में रूप में भी देखा जा रहा है.

तेज प्रताप मुलायम सिंह यादव के चचेरे भाई स्वर्गीय रतन सिंह यादव के पोते हैं और हाल ही मुलायम की खाली की गई मैनपुरी सीट से सांसद चुनकर आए हैं. मोदी के खिलाफ लालू मुलायम तो पहले से ही मोर्चेबंदी की बात कर रहे थे, अब इस रिश्तेदारी की खबर से घर वाले भी खुश हैं और पार्टी वाले भी.

Advertisement

कुछ समय से लालू को लेकर मुलायम का लहजा भी काफी नरम रहा है. तीन नवंबर को अपने राजनीतिक गुरु चौधरी नत्थू सिंह की पुण्यतिथि पर सपा मुखिया ने चारा घोटाले में लालू के जेल जाने पर अफसोस जताया था. पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि 1997 में भी लालू अपने परिवार का रिश्ता मुलायम परिवार से जोड़ना चाहते थे, लेकिन तब किन्हीं कारणों से बात नहीं बनी थी. उस वक्त चर्चा मुलायम के बेटे अखिलेश को लेकर थी.

यह होगा फायदा
केंद्र में मोदी सरकार के आने के साथ ही विरोधी एकजुट होने लगे है. बिहार में लालू-नीतीश और कांग्रेस का महागठबंधन बना और तीन पार्ट‍ियों ने विधानसभा उपचुनाव साथ लड़ा. लोकसभा चुनाव में गैर बीजेपी और गैर कांग्रेस मोर्चा बनाने की कवायद फेल होने के बाद बीते नवंबर में 'महामोर्चा' बनाया गया. मुलायम की कोशिशों से बने इस मोर्चे की बैठक में लालू भी शरीक हुए.

अब लालू-मुलायम के परिवारों के जुड़ने से ओबीसी के लोगों को मजबूती मिलेगी. यूपी और बिहार में अलग-अलग राजनीतिक केंद्र होने का भरम भी दूर होगा. साथ ही पिछड़ों की राजनीति में आगे बढ़ रही नई पीढ़ी को भी मजबूत नेतृत्व मिलेगा.

Advertisement
Advertisement