पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के शानदार प्रदर्शन ने देशभर में मोदी लहर के दावों पर एक तरह से मुहर लगा दी. ऐसे में बीजेपी के इस विजय रथ रोकने के लिए विपक्ष दलों में एकजुटता की कवायद भी जोरशोर से जारी है और इस काम में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पूरी तन्मयता से जुटे हैं. पिछले दिनों बसपा सुप्रीमो मायावती के बीजेपी विरोधी खेमे में जुड़ने पर विचार की बात के पीछे लालू की कोशिशों को ही वजह माना जा रहा है.
मायावती इससे पहले तक ऐसे किसी गठबंधन में शामिल होने की बात को खारिज करती रही थी, जिसमें समाजवादी पार्टी भी शामिल हो. हालांकि मायावती ने पिछले महीने अंबेडकर जयंती के मौके पर पार्टी कार्यक्रम में यह ऐलान किया कि उन्हें बीजेपी विरोधी दलों से हाथ मिलाने से परहेज नहीं होगा.
लालू के करीबी माने जाने वाले एक नेता बताते हैं कि मायावती की इस ऐलान से दो दिन पहले ही आरजेडी प्रमुख ने उन्हें फोन कर महागठबंधन में शामिल होने पर लंबी बातचीत की थी. उनके मुताबिक, मायावती लालू की इस बात पर सहमत थीं कि बीजेपी को रोकने और अपना वोटर बेस संभालने के लिए उन्हें समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर महागठबंधन करना चाहिए.
I just really want to save & preserve constitution, rich cultural, democratic & social fabric of this great country.
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) May 5, 2017
वहीं लालू ने भी इस खबर पर मुहर लगाते हुए कहा कि वह बस देश के संविधान, इसकी समृद्ध संस्कृति और लोकतांत्रिक व सामाजिक तानेबाने की रक्षा करना चाहते हैं. वैसे बिहार में अपनी विरोधी जेडीयू से इसी तरह का महागठबंधन कर सत्ता में पहुंचे लालू प्रसाद तभी से ही यूपी में इसी तर्ज पर सपा और बसपा के बीच गठबंधन की बात कहते रहे हैं. लालू ने इससे पहले कहा भी कि यूपी में अगर मायावती और मुलायम एक हो जाएं, तो वहां बीजेपी का सारा खेल खत्म हो जाएगा.
यूपी में मायावती और मुलायम एक हो जाएं। बिहार में हमलोग एक हैं, BJP का सारा तमाशा खत्म हो जाएगा। अब ये विकास की बात नही करते।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) March 26, 2017
हालांकि यूपी चुनाव से पहले तो उनकी यह बात पूरी नहीं हो सकी और यूपी में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बना ली. यूपी में बीजेपी को मिली इस भारी जीत ने विपक्षी धड़े में और खलबली मचा दी. हालांकि बसपा के साथ महागठबंधन को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव उतने आशावान नहीं दिखते हैं. 'पंचायत आजतक' कार्यक्रम में अखिलेश से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यूपी में कुछ लोग महागठबंधन होने नहीं देंगे. अखिलेश ने कहा, 'ये देखना होगा कि सपा और बसपा का गठबंधन किसने तोड़ा? वो ताकतें सपा और बसपा को एक नहीं होने देंगे.'