लखनऊ के बाद अब उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के एफएसएल लैब में भी डीएनए की टेस्टिंग होगी और यह यूपी का सबसे बड़ा डीएनए टेस्टिंग लैब होने जा रहा है जिसमें 24 डीएनए के नमूनों की जांच की जा सकेगी, इससे यूपी पुलिस को अब अपराध से संबंधित जांच करने में आसानी होगी.
दरअसल यूपी की सबसे बड़ी डीएनए लैब अगले हफ्ते से गाजियाबाद में शुरू हो जाएगी. इस डीएनए लैब की क्षमता एक बार में 24 सैंपलों की जांच करने की होगी, जो अभी तक राज्य में किसी अन्य प्रयोगशाला में नहीं है. यह डीएनए लैब गाजियाबाद के निवाड़ी इलाके में मौजूदा फॉरेंसिक लैब में स्थापित की जाएगी. यह सुविधा आगामी 21 सितंबर से शुरू की जाएगी.
ये प्रयोगशाला उन मामलों को समय सीमा के अंदर निपटाने में पुलिस की मदद करेगी, जहां डीएनए निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं. अभी तक लखनऊ स्थित फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री में केवल एक डीएनए लैब थी, जिसमें एक बार में आठ डीएनए सैंपलों की जांच होती थी, लेकिन अब 24 कैपिलरी सिस्टम से हमें समय सीमा के अंदर परिणाम मिलेंगे.
मेरठ, आगरा और बरेली जोन के तीन पुलिस क्षेत्रों के तहत आने वाले कुल 25 जिलों के दबाव को अब सीधे नए डीएनए लैब के जरिए निपटाया जा सकेगा. इससे पहले डीएनए नमूने का सारा दबाव, केवल लखनऊ स्थित फॉरेंसिक लैब तक ही सीमित था और जिसकी जांच में समय भी लगता था.
डीएनए लैब स्थापित करने में कुल लागत 6.5 करोड़ रुपए की आई है. इसके लिए संयुक्त राज्य अमेरिका से इंपोर्टेड उपकरण मिले हैं. बता दें गाजियाबाद के निवाड़ी में स्थापित फॉरेंसिक लैब का उद्घाटन 2018 में तत्कालीन डीजीपी ओपी सिंह द्वारा किया गया था.
यह राज्य की सबसे उन्नत प्रयोगशाला है, यहां पहले से ही क्राइम सीन मैनेजमेंट, टॉक्सिकोलॉजी, सीरोलॉजी और मेडिको-लीगल जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं. वहीं वरिष्ठ अधिकारियों का यह भी कहना है कि, जल्दी ही नारको टेस्ट, साइबर फॉरेंसिक और बैलेस्टिक जैसी सेवाएं प्रयोगशाला में उपलब्ध होंगी.
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