गुरुग्राम के प्रसिद्ध अस्पताल मेदांता के प्रमुख नरेश त्रेहान ने 'आजतक' से खास बातचीत में निजी अस्पतालों पर उठ रहे सवाल और उन पर गिर रही सरकारी गाज पर चिंता व्यक्त की. डॉ. नरेश त्रेहान ने कहा कि जल्द से जल्द चिकित्सा व्यवसाय से जुड़े अस्पतालों के लिए केंद्र सरकार को जीएसटी की तर्ज पर ही एक यूनिफार्म नियम बनाना चाहिए और इसमें सभी स्टेक होल्डर्स से बातचीत करनी चाहिए. साथ ही मुनाफे का प्रतिशत भी तय कर दिया जाना चाहिए, चाहे वो 15 फीसदी ही क्यों न हो.
डॉ. त्रेहान शनिवार को लखनऊ में थे जहां उन्होंने मेदांता की ओपीडी की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि 1 दिसंबर 2018 से पहले एक हजार बेड के मेदांता अस्पताल की शुरुआत की जाएगी. नरेश त्रेहान ने अपनी बातचीत में बताया कि अस्पतालों का लाइसेंस खत्म करना या उन्हें बंद करना इस समस्या का समाधान नहीं है बल्कि दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए और ऐसे कानून बनाने चाहिए जिसमें गड़बड़ी की गुंजाइश कम हो.
डॉ. त्रेहान ने 1968 में लखनऊ के केजीएमसी से अपनी डॉक्टर की डिग्री पूरी की थी. यही वजह है कि वह पिछले कई दशकों से लखनऊ शहर में गुरुग्राम के मेदांता के तर्ज पर अत्याधुनिक अस्पताल खोलना चाहते थे और पिछले कई सालों की कोशिशों के बाद उनकी ये कोशिश रंग भी लाने लगी है.
शनिवार को उन्होंने लखनऊ के सिकंदर बाग इलाके में मेदांता अस्पताल के ओपीडी की शुरुआत की. जिसका उद्घाटन करने खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे थे अगले कुछ सालों में इलाहाबाद वाराणसी और गोरखपुर में भी मेदांता के सेंटर खोले जाएंगे.