चुनाव में टिकट पाने के लिए नेताओं की जुगाड़बाजी की किस्से तो आपने खूब सुने होंगे पर आजकल कुछ नेता अपनी दावेदारी को और मजबूत करने के लिए फेसबुक का सहारा ले रहे हैं.
लोकसभा चुनाव लड़ने की चाह रखने वाले कई उम्मीदवार जहां दिल्ली जाकर पार्टी हाईकमान के पास चक्कर काट रहे हैं, वहीं कुछ उम्मीदवार अपनी उम्मीदवारी को मजबूत करने के लिए सोशल साइट 'फेसबुक' का सहारा ले रहे हैं.
एक तरफ नेता अपने फेसबुक एकाउंट के जरिए प्रचार में जुटे हैं तो उनके समर्थक समर्थन जुटाने का अभियान फेसबुक के जरिए चलाये हुए हैं. साफ शब्दों में कहें तो फेसबुक पर दावेदार अप्रत्यक्ष तौर पर समर्थकों की आड़ में अपनी उम्मीदवारी की लड़ाई लड़ रहे हैं.
वैसे बदलते दौर में फेसबुक या इंटरनेट का सियासी इस्तेमाल अब नया प्रयोग नहीं रहा, लेकिन टिकट पाने के लिए इसका इस्तेमाल कुछ नया जरूर है.
इसकी शुरुआत हाल ही में हुई, जब पहली बार एक बीजेपी समर्थक ने टिकट के पांच चर्चित दावेदारों श्याम बिहारी मिश्र, कलराज मिश्र, सुरेंद्र मैथानी, सतीश महाना और सत्यदेव पचौरी की तस्वीर फेसबुक पर डाली. इसके ऊपर लिखा गया था- 'कानपुर लोकसभा सीट से इनमें से किसे टिकट मिलनी चाहि, जवाब जरूर दें.'
बस इसके बाद तो फेसबुक पर एकाउंट रखने वाले हर बीजेपी नेता और इन दावेदारों के समर्थकों के बीच इस फोटो को शेयर करने की होड़-सी मच गई.
जहां श्याम बिहारी के एक समर्थक ने फोटो शेयर कर इस पर प्रायोजित अंदाज में उनके पक्ष में कमेंट कराए तो तुरंत कलराज को नगर संसदीय सीट से लड़ाए जाने के पक्षधर दूसरे भाजपाई ने फोटो शेयर कर उनके पक्ष में कमेंट करने और कराने का सिलसिला शुरू किया.
कुछ यही मैथानी, सतीश महाना और सत्यदेव पचौरी के उन समर्थकों ने भी किया, जो फेसबुक पर मौजूद हैं. इनमें पार्टी के कुछ पदाधिकारी और वरिष्ठ लोग भी शामिल है.
फेसबुक के जरिए समर्थकों को आगे कर दावेदारों में अपनी-अपनी दावेदारी को मजबूती देने की यह मुहिम तेज होती जा रही है इस बारे में भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी का कहना है कि यह काम जिसने भी शुरू किया है, गलत है. टिकट को लेकर कोई भी बात इस तरह नहीं की जानी चाहिए, इसके लिए यह उचित फोरम नहीं है.