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बांदा में चल रहे बाढ़ बचाव राहत कार्य के बीच लेखपालों ने शुरू किया धरना

जहां एक तरफ राहत बचाव कार्य में प्रशासन और एजेंसियां बाढ़ पीड़ितो को बचकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही थी. तो वहीं दूसरी तरफ लेखपालों के द्वारा हड़ताल पर चले जाने से बचाव कार्यों में काफी असर पड़ने लगा है.

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उत्तर प्रदेश
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यूपी के बांदा जिले में केन और यमुना नदी की बाढ़ से पूरे जिले में हालात बदतर हो चुके हैं. इस बाढ़ में सैकड़ो घर पानी में डूब गए हैं. जिसके राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ पीएसी सहित कई टीमें लगाई गई हैं. लेकिन इस बीच एक अजीब वाक्या सामने आया. यहां पर लेखपाल अपनी वेतन संबंधित मांगों को लेकर अनिश्चितकाल हड़ताल पर चले गए. जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया.

हड़ताल से बचाव कार्य में हो रही है बाधा
जहां एक तरफ राहत बचाव कार्य में प्रशासन और एजेंसियां बाढ़ पीड़ितो को बचकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही थी. तो वहीं दूसरी तरफ लेखपालों के द्वारा हड़ताल पर चले जाने से बचाव कार्यों में काफी असर पड़ने लगा है. जिले में जहां एक ओर केन यमुना की बाढ़ से निपटने के लिए यहां पर NDRF, रेडक्रॉस, फ्लड PAC जैसी बाहरी एजेंसियां लगी हुई हैं. और जवान अपनी जान जोखिम में डालकर बाढ़ पीड़ितों को खतरे से बचाकर सुरक्षित स्थानों पर ला रहे हैं. वहीं दूसरी ओर लेखपालों के यह लालची रवैया सबको अखर रहा है.

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क्या कहा प्रशासन ने?
बांदा के डीएम योगेश कुमार ने कहा कि हड़ताल कर रहे लेखपाल अगर नहीं मानते हैं, तो इन्हें जबरदस्ती यहां से हठाकर ड्यूटी पर भेजा जाएगा. तो वहीं हड़ताल कर रहे कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल को जायज बताया. लेकिन आपदा के समय चयन को लेकर उनके पास दलीलों के सिवाय और कुछ नहीं.

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