मेरठ शहर में घुस आए तेंदुए को पकड़ने के लिए पुलिस ने सेना के साथ मिलकर ऑपरेशन चलाया, लेकिन सारी कवायद बेकार रही.
शहर में सुबह 10 बजे से रात के 2 बजे तक पुलिस ने सेना के साथ मिलकर अभियान चलाया. तेंदुए को बेहोश करने के लिए इंजेक्शन देने की कोशिश की गई, लेकिन सब फेल रहा. दोपहर 4 बजे से सेना ने अभियान की कमान अपने हाथ में ली. लेकिन घंटों की मशक्कत बेकार गई.
रात को करीब 12 बजे तेंदुए ने एक बार फिर दहाड़ मारी, जिससे वहां चारों तरह हड़कम्प मच गया. तेंदुए से एक बार फिर जोर-आजमाइश हुई. सदर थाने के इंस्पेक्टर ने तेंदुए से मोर्चा लेने की कोशिश की, जिसके बाद तेंदुए ने इंस्पेक्टर पर हमला कर उसे घायल कर दिया. इस कवायद में कई अन्य लोग भी घायल हो गए. इसके बाद चारों तरफ हड़कम्प मच गया.
तेंदुआ शहर में जा घुसा. यह सब देखकर पुलिस से लेकर सेना तक के हौसले पस्त हो गए. सभी अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते रहे, फिर तेंदुआ सभी की आंखों से ओझल हो गया.
सबसे अहम बात यह है कि सदर बाजार में शहर के सबसे ज्यादा स्कूल हैं. साथ ही तमाम बडे बाज़ार इसी इलाके में लगते हैं. शहर का रिहायशी इलाका भी यही है. ऐसे में हर किसी के दिल में यही दहशत है कि आखिर अब होगा क्या?
फिलहाल तो अधिकारियों ने शहर में हाई अलर्ट जारी कर सभी स्कूल-कॉलेज और बाजार बंद करने का घोषणा कर दी. अधिकारियों का कहना है कि तेंदुआ लोकेट हो गया है और एक्सपर्ट को भेज दिया गया है. डीएम का कहना है कि बेहोशी के लिए तो इंजेक्शन लगा दिया गया था, लेकिन वह दीवार तोड़कर भाग जाएगा, यह किसी को अंदाजा नहीं था. फिलहाल अधिकारियों का कहना है कि लोग, खासकर बच्चे बाहर न निकलें, घरों में ही रहें.
इससे पहले, मेरठ में उस समय अफरातफरी मच गई, जब शहर के सबसे पॉश मार्केट आबू लेन में एक लकड़ी की टाल में तेंदुआ आ गया. यह खबर पूरे शहर में आग की तरह फ़ैल गई.
इस तेंदुए को पकड़ने में वन विभाग की टीम भी नाकाम रही है. तेंदुआ यहां कैसे पहुंचा, यह अब तक पता नहीं चल पाया है.