आंवला लोकसभा सीट 23 अप्रैल को 58.73 फीसदी मतदान हुआ. हैरानी की बात ये है कि इस बार इस सीट पर पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले कम मतदान हुआ है. साल 2014 में इस लोकसभा सीट पर 59.63 मतदान हुआ था. लेकिन इस बार लगभग एक फीसदी मतदाताओं ने कम वोट डाला. मतदान को देखते हुए यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. मुस्लिम बहुत इस इस सीट पर 14 कैंडिडेट मैदान में हैं.
लोकसभा चुनाव अपडेट्स
- आंवला लोकसभा सीट पर मतदाताओं का खासा उत्साह दिखा और यहां शाम 6 बजे तक 58.73 फीसदी मतदान हुआ. दूसरी ओर तीसरे चरण में 117 संसदीय सीटों पर 61.31 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. उत्तर प्रदेश में 10 संसदीय सीटों पर औसतन 60.52 फीसदी मतदान हुआ. 5 बजे तक हुई पश्चिम बंगाल में 78.94 फीसदी वोटिंग हुई. यह अंतिम आंकड़ा नहीं है और इसमें बदलाव हो सकता है. 4 राज्य और 1 केंद्र शासित प्रदेशों में 70 फीसदी से ज्यादा वोट पड़े.
- 3 बजे तक आंवला में 45.48 फीसदी मतदान हो चुका है. वहीं देश में तीसरे चरण में कराए जा रहे मतदान में 117 संसदीय सीटों पर अब तक 51.15 फीसदी मतदान हो चुका है. उत्तर प्रदेश में मतदान पर नजर डाली जाए तो यहां पर प्रदेश के 10 संसदीय सीटों पर 3 बजे तक 46.99 फीसदी मतदान हो चुका है. इस समय तक सबसे ज्यादा मतदान पश्चिम बंगाल में हुआ जहां 67.52 फीसदी वोटिंग हुई.
Estimated voter turnout till now for the 3rd phase of the #LokSabhaElections2019 is 51.15%. Voting for 116 parliamentary constituencies across 13 states and 2 union territories is being held today. pic.twitter.com/mV9g0JmSq1
— ANI (@ANI) April 23, 2019
1 बजे तक राज्यों में हुए मतदान का प्रतिशत
- दोपहर 1 बजे तक आंवला में 30.71 फीसदी मतदान हो चुका है. वहीं देश में तीसरे चरण में कराए जा रहे मतदान में 117 संसदीय सीटों पर अब तक 37.89 फीसदी मतदान हो चुका है.
-सुबह 11 बजे तक आंवला में 20.40 फीसदी मतदान हो चुका है. तीसरे चरण के तहत आज मंगलवार को 10 संसदीय क्षेत्रों में अब तक 22.64% मतदान हो चुका है.
-सुबह 9 बजे तक आंवला में 10.30 फीसदी मतदान हो चुका है.
उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से आंवला लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का कब्जा है और इसका लक्ष्य इस बार भी यहां पर जीत बनाए रखने की होगी. हालांकि इस बार यह राह आसान नहीं दिख रही क्योंकि 2014 की तुलना में इस बार राजनीतिक हालात बदल गए हैं और समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी एक साथ चुनाव लड़ रही हैं ऐसे में बीजेपी को फिर से जीत हासिल करने के लिए जमकर पसीना बहाना होगा.
किस्मत आजमा रहे 14 उम्मीदवार
आंवला लोकसभा सीट पर 14 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिसमें मुख्य मुकाबला बीजेपी के निवर्तमान सांसद धर्मेंद्र कश्यप और बहुजन समाज पार्टी के रुचिविरा से है. कांग्रेस की ओर से कुंवर सर्वराज सिंह चुनावी मैदान में हैं. 9 क्षेत्रीय दलों के नेता भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं जबकि 2 उम्मीदवार तो निर्दलीय ही मैदान में हैं.
इस सीट पर 1962 में पहली बार चुनाव हुए थे और सभी को चौंकाते हुए हिंदू महासभा ने जीत दर्ज की थी. हालांकि, उसके बाद 1967, 1971 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी बड़े अंतर के साथ यहां से विजयी रही. 1977 के चुनाव में चली सत्ता विरोधी लहर का असर यहां भी दिखा और भारतीय लोकदल ने जीत दर्ज की, 1980 में भी कांग्रेस को यहां से जीत नहीं मिल सकी और जनता पार्टी यहां से विजयी हुई. 1984 में कांग्रेस बड़े अंतर से यहां जीती.
1984 के बाद से ही यहां कांग्रेस वापसी को तरस रही है. 1989 और 1991 में भारतीय जनता पार्टी लगातार दो बार यहां से जीती. 1996 के चुनाव में बीजेपी को यहां झटका लगा और क्षेत्रीय दल समाजवादी पार्टी विजय होकर सामने आई. लेकिन दो साल बाद हुए 1998 के चुनाव में एक बार फिर बीजेपी यहां जीती. 1999 का चुनाव समाजवादी पार्टी के हक में गया, लेकिन 2004 में जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर सर्वराज सिंह ने चुनाव जीता.
पिछले दो चुनाव में बीजेपी का इस सीट पर कब्जा है, 2009 का चुनाव मेनका गांधी ने यहां से बड़े अंतर से जीता था और 2014 में इस सीट पर बीजेपी को मोदी लहर का फायदा मिला और धर्मेंद्र कुमार कश्यप एकतरफा लड़ाई में जीत गए. कश्यप एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं.
मुस्लिम वोटरों वाला क्षेत्र
बरेली जिले के तहत आने वाले आंवला लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम वोटरों का खासा प्रभाव है. जिले में करीब 35 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं, जबकि 65 फीसदी संख्या हिंदुओं की है. हालांकि लंबे समय से यहां मुस्लिम-दलित वोटरों का समीकरण नतीजे तय करता आया है, इनके अलावा क्षत्रीय-कश्यप वोटरों का भी यहां खासा प्रभाव है. ऐसे में इस बार समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन होने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है.
आंवला लोकसभा क्षेत्र के तहत 5 विधानसभा सीटें शेखपुर, दातागंज, फरीदपुर, बिथरीचैनपुर और आंवला विधानसभा आती हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में इनमें से सभी सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी.
2014 के चुनाव में आंवला में 60 फीसदी मतदान हुआ था. भारतीय जनता पार्टी को मोदी लहर का फायदा मिला और बीजेपी प्रत्याशी धर्मेंद्र कुमार कश्यप ने 41 फीसदी वोट पाकर जीत दर्ज की. समाजवादी पार्टी के कुंवर सर्वराज को सिर्फ 27.3% वोट हासिल हुए थे. अभी तक यहां हुए चुनाव में बीजेपी 5 बार चुनाव जीत चुकी है. एक बार फिर उसकी नजर चुनाव में जीत हासिल करने पर है.
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