उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव को बीजेपी ने 2024 लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल मानते हुए अपनी रणनीति का गियर बदला है. पिछले निकाय चुनावों में नगर निगम में तो बीजेपी को एकतरफा जीत मिली थी, लेकिन नगर पालिका और नगर पंचायत का स्वाद कड़वा रहा था. ऐसे में सूबे की राजनीतिक जमीन को मजबूत करने के लिए नया व्यूह रचने के लिए सोमवार को बीजेपी के कोर ग्रुप की बैठक हो रही है.
बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक
निकाय चुनाव को लेकर सोमवार की शाम कोर ग्रुप की बैठक होगी. इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य व बृजेश पाठक शामिल होंगे. इसके अलावा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह और उत्तर प्रदेश के बीजेपी प्रभारी राधा मोहन सिंह शामिल होंगे. हालांकि, इससे पहले भूपेंद्र चौधरी और धर्मपाल सिंह सुबह मीडिया पैनलिस्ट और पार्टी के सोशल मीडिया विभाग की बैठक करेंगे.
निकाय चुनाव को लेकर मंथन
उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव नंबर-दिसंबर में प्रस्तावित है. नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष व पार्षद चुनाव 2022 यूपी विधानसभा चुनाव के बाद योगी सरकार के लिए पहला बड़ा इम्तेहान माना जा रहा है. ऐसे में बीजेपी किसी भी प्रकार से कोई चूक निकाय चुनाव में नहीं करना चाहती. निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी की होने वाली बैठक के दौरान सूबे के सभी पार्टी जिला अध्यक्ष वर्चुअली जुड़ेंगे. नए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्री संगठन की नियुक्ति के बाद पहली बार निकाय चुनाव को लेकर ये बैठक होने जा रही है.
सूबे के शहरी क्षेत्र के निकाय चुनाव को 2024 का सेमीफाइल भी माना जा रहा है, क्योंकि इसके बाद सीधे लोकसभा का चुनाव होना है. बता दें कि 2017 निकाय चुनावों में बीजेपी 16 नगर निगम में से 14 में अपना मेयर बनाने में कामयाब रही थी जबकि नगर पालिका और नगर पंचायत चुनाव में प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक बेहतर नहीं रहा था. ऐसे में बीजेपी इस बार के निकाय चुनाव में किसी तरह की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहती है.
मंत्री-सांसदों के परिवार को टिकट नहीं देगी पार्टी
उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी पहले ही साफ कर चुकी है कि पार्टी मंत्री, सांसद और विधायकों के परिजनों को टिकट नहीं देगी. ऐसे में निकाय चुनाव में बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं को टिकट देने का खाका तैयार कर रही है. सूबे में हर क्षेत्र से कर्मठ कार्यकर्ताओं की सूची भी तैयार कराई जा रही है.
गोरखपुर क्षेत्रीय अध्यक्ष और एमएलसी डॉ धर्मेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि नगर निकाय चुनाव में कार्यकर्ताओं को ही टिकट दिया जाएगा. इस बात को पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय कर चुका है. सांसद व विधायकों के सगे-संबंधियों को टिकट नहीं मिलेगा. उत्तर प्रदेश में बीजेपी का अपना बड़ा और मजबूत संगठन है. मेयर, चेयरमैन और नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव दमदारी से लड़ा जाएगा और हर वार्ड पार्षद सीट पर प्रत्याशी उतारे जाएंगे.
निकाय चुनाव के बाद टीम बनाएंगे चौधरी
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की कमान भूपेंद्र चौधरी के संभालने के बाद संगठन को मजबूत करने पर भी मंथन तेज हो रहा है. ऐसे में संगठन में बदलाव गहन विचार-विमर्श के बाद ही होगा, लेकिन भूपेंद्र सिंह चौधरी अपनी टीम में दिसंबर तक किसी तरह से बदलाव के आसार नहीं देख रहे हैं. नगर निकाय चुनाव के पहले संगठन में कोई व्यापक फेरबदल के पक्ष में पार्टी नहीं दिख रही है. भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के बाद बीजेपी का पुनर्गठन होगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि फिलहाल भाजपा कार्यकर्ताओं का एकमात्र लक्ष्य निकाय चुनावों को जीतना है.
734 शहरी निकाय में चुनाव
बता दें कि साल 2017 में 652 नगर निकायों में चुनाव हुए थे. वहीं, 2022 में 734 नगर निकायों में चुनाव होंगे. इस प्रकार पिछले पांच वर्षों में 82 नए नगर निकाय बढ़ गए हैं. 2017 में 16 नगर निगम, 198 नगर पालिका और 438 नगर पंचायतों में चुनाव कराए गए थे. वहीं, इस बार 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका और 517 नगर पंचायतों में चुनाव कराए जाएंगे. इन तमाम नगर निकायों में वार्डों के परिसीमन से लेकर आरक्षण रोस्टर तक को अंतिम रूप देने का कार्य हो रहा है. इसके बाद वार्ड पार्षद से लेकर नगर पंचायत एवं नगर पालिका के अध्यक्ष और नगर निगम के मेयर पद के आरक्षण तय किया जाना है. इसके बाद ही चुनाव की घोषणा की जाएगी.