लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए होने वाले मतदान से ठीक एक हफ्ता पहले उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन को तगड़ा झटका लगा है. गोरखपुर उपचुनाव में सपा के टिकट पर चुनाव जीतने वाले प्रवीण निषाद आज गुरुवार बीजेपी में शामिल हो गए. इतना ही नहीं निषाद पार्टी एनडीए में शामिल हो गई. निषाद पार्टी के एनडीए में शामिल होने से यूपी में बीजेपी को इसका सियासी फायदा मिल सकता है. बीजेपी को गोरखपुर ही नहीं प्रदेश की कई अन्य लोकसभा सीटों पर इसका फायदा हो सकता है. यूपी की तकरीबन 20 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां निषाद वोटरों की संख्या अधिक है.
पूर्वांचल में होगा फायदा
यूपी में तकरीबन 12 फीसदी आबादी मल्लाह, केवट और निषाद जातियों की है. यूपी की तकरीबन 20 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां निषाद वोटरों की संख्या अधिक है. पूर्वांचल की कई लोकसभा सीटों पर इनकी संख्या और भी अधिक है. ऐसे में एनडीए में निषाद पार्टी के शामिल होने के बाद बीजेपी को इसका सीधा फायदा होगा.
गोरखपुर, गाजीपुर, बलिया, संतकबीर नगर, मऊ, मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, इलाहाबाद ,फतेहपुर, सहारनपुर और हमीरपुर लोकसभा सीटों पर निषाद वोटरों की संख्या अधिक है. सपा- बसपा के साथ आने के बाद महागठबंधन की इन सीटों पर स्थिति मजबूत मानी जा रही थी, लेकिन वोटिंग से ठीक पहले बीजेपी और निषाद पार्टी के गठजोड़ से महागठबंधन को तगड़ा झटका लगा है.
प्रवीण निषाद होंगे बीजेपी उम्मीदवार!
गोरखपुर लोकसभा सीट से प्रवीण निषाद एक बार फिर बीजेपी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. इस बात के संकेत बीजेपी के यूपी प्रभारी जेपी नड्डा के बयान से मिलते हैं. जेपी नड्डा ने कहा कि चुनाव लड़ना संसदीय प्रक्रिया का हिस्सा है तो प्रवीण भी चुनाव लड़ेंगे. आपको बताते चले कि सीएम योगी के शहर गोरखपुर में पिछले साल हुए उपचुनाव में प्रवीण निषाद सपा के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत दर्ज की.
जीत के बाद सुर्खियों में आई निषाद पार्टी
गोरखपुर सीट कई मायनों में खास है. सीएम योगी आदित्यनाथ पूर्व में लगातार इस सीट से विजयी होते चले आ रहे थे. सीएम बनने के बाद जब उपचुनाव हुए तो यह सीट बीजेपी हार गई. यह हार ऐसी थी जिसे बीजेपी पचा नहीं पा रही थी. इस सीट पर प्रवीण निषाद सपा के टिकट पर जीते. इस जीत के बाद ही निषाद पार्टी अचानक सुर्खियों में आ गई. प्रवीण निषाद कोई और नहीं निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद के बेटे हैं.
इस बार तय माना जा रहा था कि प्रवीण निषाद गोरखपुर सीट से महागठबंधन के उम्मीदवार होंगे. हालांकि तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम और सियासी नफा-नुकसान के बीच प्रवीण निषाद बीजेपी में शामिल हो गए और सपा ने गोरखपुर से रामभुआल निषाद को उम्मीदवार बनाया है. अब गोरखपुर की चुनावी जंग काफी रोचक होने जा रही है.
निषाद पार्टी का इतिहास
साल 2016 में संजय निषाद ने निषाद पार्टी जिसका पूरा नाम निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल की स्थापना की. यूपी में निषाद पार्टी ने पिछला विधानसभा चुनाव पीस पार्टी के साथ मिलकर 80 सीटों पर लड़ा था. निषाद पार्टी को ज्ञानपुर सीट से जीत हासिल हुई जहां से विजय मिश्रा जीते थे. उपचुनाव में सपा से नजदीकी बढ़ने के बाद पार्टी की सपा में विलय की खबरें भी आई. हालांकि यह प्रस्ताव सपा की ओर से था जिसे संजय निषाद ने नकार दिया. संजय निषाद राजनीति में कदम रखने से पूर्व इलेक्ट्रो होम्योपैथ का एसोसिएशन चलाते थे.
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