scorecardresearch
 

पशुपालन घोटाला: यूपी STF ने एक और आरोपी को किया गिरफ्तार, खुद को बताता था पत्रकार

लखनऊ के पशुपालन विभाग में एक व्यक्ति को टेंडर दिलाने के नाम पर 9 करोड़ से ऊपर की ठगी की गई थी जिसके बाद आरोपी आशीष राय मामलों को मैनेज करने के लिए आरोपी संतोष मिश्रा सांठगांठ करता था.

Advertisement
X
प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लखनऊ में पशुपालन घोटाले में एक और गिरफ्तारी
  • आरोपी संतोष मिश्रा खुद को पत्रकार बताता था
  • संतोष मिश्रा खुद को न्यूज़ चैनल का पत्रकार बताता था

लखनऊ में पशुपालन घोटाले में एक और बड़ी गिरफ्तारी की गई है. आरोपी संतोष मिश्रा खुद को पत्रकार बताता था. संतोष मिश्रा खुद को न्यूज़ चैनल का पत्रकार बताता था इससे पहले आरोपी आशीष राय के साथ मिलकर संतोष मिश्रा ने पशुपालन विभाग में करोड़ों के घोटाले में बड़ी भूमिका निभाई थी जिसको एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है.

Advertisement

जानकारी के मुताबिक, पशुपालन विभाग में एक व्यक्ति को टेंडर दिलाने के नाम पर 9 करोड़ से ऊपर की ठगी की गई थी जिसके बाद आरोपी आशीष राय मामलों को मैनेज करने के लिए आरोपी संतोष मिश्रा सांठगांठ करता था. संतोष मिश्रा खुद को पत्रकार बताकर पुलिस से मैनेज करता था और इसके बदले मोटी रकम दी जाती थी.

दो IPS अधिकारी हो चुके हैं निलंबित

इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो आईपीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया था. इन दोनों अफसरों का नाम पशु पालन घोटाले में आया था. दोनों डीआईजी स्तर के अधिकारियों का नाम दिनेश चंद्र दूबे और अरविंद सेन हैं. दिनेश चंद्र दुबे डीआईजी रूल मैन्युअल थे, जबकि अरविंद सेना डीआईजी पीएसी आगरा थे.

दरअसल, इंदौर के एक व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया को चारा आपूर्ति के अनुबंध में शामिल करने के मामले में विधानसभा सचिवालय के कुछ पत्रकारों और कर्मचारियों सहित 14 लोग शामिल थे. भाटिया के साथ कथित तौर पर इन लोगों ने 9.72 करोड़ रुपये की ठगी की थी.

Advertisement

ये भी पढ़ें


 

Advertisement
Advertisement