दिल्ली में 5 अक्टूबर को बौद्ध दीक्षा कार्यक्रम में विवादित शपथ ग्रहण को लेकर बवाल थमा भी नहीं था कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक ऐसा कार्यक्रम हुआ है. लखनऊ के स्मृति उपवन में सैकड़ों लोगों को बौद्ध धर्म की दीक्षा दिलाई गई. लखनऊ में राष्ट्रीय बौद्ध महासम्मेलन आयोजित किया गया था. इस सम्मेलन में सैकड़ों लोगों को बौद्ध धर्म की दीक्षा दिलाई गई.
इस कार्यक्रम में एक बार फिर से इन लोगों से बाबा साहेब आम्बेडकर की 22 प्रतिज्ञाएं दिलाई गई. इस कार्यक्रम को सुमित रत्न भंते ने आयोजित किया था. इस कार्यक्रम में दलित समाज से सैकड़ों लोग स्मृति उपवन में इकट्ठा हुए थे. कार्यक्रम में कई बच्चे भी शामिल दिखे,
इस कार्यक्रम में 'मैं ब्रह्मा विष्णु महेश को कभी ईश्वर नही मानूंगा, हिंदू देवताओं पर विश्वास नहीं करूंगा, ब्रह्माण के हाथों कोई क्रियाकर्म नहीं करवाऊंगा' जैसे शपथ लोगों को दिलाए गए. बता दें कि 14 अक्टूबर 1956 को जब बाबा साहेब हिन्दू धर्म त्यागकर बौद्ध धर्म में शामिल हुए थे तब उन्होंने ये प्रतिज्ञा स्वयं ली थी और अपने समर्थकों को भी दिलवाई थी.
इससे पहले 5 अक्टूबर को दिल्ली में बौद्ध धर्म का ऐसा ही एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में हजारों लोग मौजूद थे और उन्हें बौद्ध धर्म की दीक्षा दिलाई गई थी और ऐसी ही प्रतिज्ञाएं दिलाई गई थी. इस कार्यक्रम में दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम मौजूद थे. बाद में ये विवाद इतना बढ़ा कि पहले तो उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी बाद में रविवार को उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया था.