उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पिटबुल डॉग के हमले में 80 वर्षीय महिला की मौत के मामले में बेटे ने कई राज खोले हैं. महिला के पुत्र अमित ने 'आजतक' से बातचीत में कहा कि पिटबुल अग्रेसिव नहीं था. वह मां के साथ हमेशा खेलता रहता था. अमित ने बताया कि कभी-कभी दरवाजे की घंटी बजाने से बार-बार चिढ़ता था. इसी कारण वह अक्सर गुस्सा हो जाता था. शायद हमला करने की यही वजह हो.
इस घटना के बाद लखनऊ नगर निगम ने पिटबुल को कब्जे में ले लिया है. पिटबुल को नगर निगम के एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में रखा जाएगा. वहीं पिटबुल के लाइसेंस को निरस्त कर दिया गया है.
मृतका के पुत्र अमित ने कहा कि मेरे पास कुत्ते का लाइसेंस और वैक्सीनेशन है. कभी कोई कमी नहीं की. खाने के लिए फूड का पूरा इंतजाम रहता था, लेकिन अचानक ये घटना कैसे हो गई, कुछ नहीं पता. अमित ने कहा कि यह बड़ा हादसा था. यह मैं भी नहीं समझ पा रहा हूं. 3 साल से मेरे साथ दो कुत्ते हैं. एक पिटबुल, एक लेब्रा. दोनों मां के साथ खेलते थे.
अमित ने कहा कि जिस दिन घटना हुई, उस दिन अचानक क्या हुआ, नहीं पता. जब मैं आया तो मां खून से लथपथ थी. अमित ने कहा कि मेरा कुत्ता कभी नहीं काटता था. मैंने खुद नगर निगम को कुत्ता दिया है. अब मैं उस कुत्ते को देखना भी नहीं चाहता हूं. मैंने अपनी मां को खोया है, इससे बड़ा दुख और कोई नहीं है.
बता दें कि मंगलवार सुबह लखनऊ के बंगाली टोला इलाके में पिटबुल के हमले में उसकी मालकिन 80 साल की सुशीला की मौत हो गई थी. मृतका सुशीला की पड़ोसी नलिनी ने कहा था कि पिटबुल के हमले की घटना इतनी खतरनाक है कि अब हम लोगों को डर लग रहा है, हम दहशत में जी रहे हैं.
इसके बाद नगर निगम की टीम ने पहुंचकर पिटबुल को जब्त कर लिया. लखनऊ नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि पिटबुल के लाइसेंस को कैंसिल कर उसे जब्त कर लिया गया है. उसे स्पेशल केज में रखा गया है. उसके स्वभाव पर रिसर्च करने के लिए चार लोगों के पैनल का गठन किया गया है, जो यह पता लगाने की कोशिश करेगा कि आखिर पिटबुल ने अपनी मालकिन को क्यों मार डाला.